रायपुर, 11 अक्टूबर 2025: | छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य के किसानों और आम जनता की समस्याओं को लेकर पत्रकारों से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि इस वर्ष धान की खरीदी में किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
किसानों की खरीदी पर गंभीर चिंता
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि कल मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष धान खरीदी 15 नवंबर से 3100 रुपए प्रति क्विंटल होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग और पिछले साल के समर्थन मूल्य को देखते हुए धान की खरीदी 3286 रुपए प्रति क्विंटल होनी चाहिए थी।
बैज ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष प्रति एकड़ औसतन 21 क्विंटल धान की खरीदी होगी। इस गणना के अनुसार किसानों को प्रति एकड़ 3906 रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। कुल मिलाकर 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी में सरकार लगभग 2900 करोड़ रुपए किसानों का दबा लेगी। उन्होंने इसे सरकार की किसानों के प्रति लापरवाही बताया।
नकली दवाओं का बढ़ता संकट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने नकली कफ सिरप और अन्य दवाओं के मुद्दे को भी उजागर किया। उनका कहना था कि प्रदेश में दवाइयों की गुणवत्ता जांचने की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। केमिकल जांच मशीन दो महीने से बंद पड़ी है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि नकली दवाइयां बाजार में नहीं बिक रही। बैज ने इसे जनता की जान के साथ खिलवाड़ बताया और कहा कि यह सरकार की लापरवाही का स्पष्ट संकेत है।
रीपा बंद होने से महिलाओं पर असर
बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार देने के लिए रीपा (Rural Industrial Park) स्थापित किए गए थे। भाजपा सरकार बनने के बाद इन्हें बंद कर दिया गया। परिणामस्वरूप ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार से हाथ धोना पड़ा। बालोद के अरमुरकसा गांव की महिलाएं हाल ही में कलेक्टर का घेराव करने पहुंची थीं, ताकि रीपा पुनः चालू हो। बैज ने इसे सरकार की अदूरदर्शिता और बेरोजगारी पैदा करने वाली नीति बताया।
बिजली कटौती और महंगी बिजली का बोझ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बिजली कटौती और महंगी बिजली को भी जनता की बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली के दाम राज्य बनने के बाद सबसे अधिक हैं। बिजली बिल हाफ योजना बंद होने के कारण आम जनता को भारी बिजली बिल का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 8-9 घंटे की बिजली कटौती आम बात बन गई है। बैज ने कहा कि आरंग के रसनी गांव में लोग बिजली कटौती के विरोध में नेशनल हाईवे जाम करने पर मजबूर हुए। उन्होंने इसे सरकार की विफलता और मुनाफाखोरी नीति का परिणाम बताया।
सारांश और मांगें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से किसानों, ग्रामीण महिलाओं और आम जनता के हित में समझदारी और प्रभावी नीतियां अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि नकली दवाइयों, महंगी बिजली और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को तुरंत सुलझाना आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का स्पष्ट संदेश है कि जनता की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देने वाली नीतियां ही प्रदेश की भलाई कर सकती हैं।