झारखण्ड में कृषि मंडियों का सुदृढ़ीकरण : मंत्री ने की व्यापक समीक्षा
झारखण्ड में कृषि मंडियों की स्थिति में सुधार और कृषकों के हित में आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से माननीय मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की की अध्यक्षता में नेपाल हाउस सभागार में व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कृषि सचिव अबूबकर सिद्दीक, कृषि निदेशक भोर सिंह यादव, मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक जीसन कमर, सभी बाजार समितियों के पणन सचिव, जिला चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी और कृषक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मंडियों में असुविधाओं पर चिंता व्यक्त
बैठक के दौरान झारखण्ड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कृषि मंडियों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मूलभूत सुविधाओं की अनुपलब्धता पर गहरी चिंता व्यक्त की। चैम्बर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि मतदान कार्यों के लिए मंडियों की दुकान-गोदाम का अधिग्रहण होने से व्यापार प्रभावित होता है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया कि मतगणना कार्य किसी अन्य वैकल्पिक स्थल पर कराए जाएं ताकि मंडियों का व्यापार प्रभावित न हो।
व्यापारियों ने मंडियों में अतिक्रमण, साफ-सफाई की कमी, खराब स्ट्रीट लाईट, पेयजल की असुविधा, सीसीटीवी कैमरों का अभाव, जर्जर सड़कें और सुरक्षा गार्ड की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं का हवाला देते हुए इन पर त्वरित कार्यवाही की मांग की। रांची चैम्बर के अध्यक्ष संजय माहुरी ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की मंडियों में कृषकों का उपज बिक्री हेतु नहीं आती और न ही बाजार समिति द्वारा इसका कोई प्रयास किया जाता है।
वित्तीय संसाधनों का सुदृढ़ीकरण
बैठक के दौरान पणन सचिवों ने मंडियों के मासिक आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। कई मंडियों में दुकान-गोदाम जर्जर होने के कारण खाली पड़े हैं और इससे बाजार समिति को भारी राजस्व हानि हो रही है। चैम्बर सह सचिव रोहित पोद्दार ने सुझाव दिया कि 387 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट की ब्याज राशि का उपयोग मंडियों के सुदृढ़ीकरण में किया जाए।
इसके अतिरिक्त मंडियों की बाउंड्री वॉल टूटने और खाली भूखंड पर अतिक्रमण की घटनाओं पर भी चर्चा हुई। चैम्बर उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया और सह सचिव नवजोत अलंग ने पंडरा कृषि मंडी में असामाजिक तत्वों की सक्रियता को लेकर विभाग का ध्यान आकृष्ट किया।
मॉडल कृषि मंडी के लिए प्रतिबद्धता
चैम्बर के आग्रह पर माननीय मंत्री ने पंडरा बाजार समिति को मॉडल कृषि मंडी के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने मंडियों में व्याप्त असुविधाओं और पणन सचिवों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रबंध निदेशक को व्यवस्था सुधार के लिए तत्काल निर्देश दिए।
मंत्री ने महिलाओं को एफबीओ चलाने हेतु मंडियों में दुकान-गोदाम उपलब्ध कराने और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था होने तक होम गार्ड तैनात करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने राज्य में इनेम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने और आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।
विभागीय प्रयास और कृषकों के हित
कृषि सचिव ने पणन सचिवों को निर्देशित किया कि वे मंडियों के सुधार हेतु सुसंगत प्रस्ताव विभाग को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि झारखण्ड शुरूआत में देश में बेस्ट परफॉर्मर राज्य था और यदि आज स्थिति संतोषजनक नहीं है तो इसमें विभाग की भी भूमिका है।
साथ ही उन्होंने हाट बाजार की व्यवस्था और कृषकों के लिए डेडिकेटेड प्लेटफार्म विकसित करने पर भी जोर दिया। चैम्बर महासचिव रोहित अग्रवाल ने मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रयास राज्य के व्यापारियों और कृषकों के लिए अत्यंत हितकारी होगा।
बैठक में रांची, खूंटी, धनबाद, दुमका, गढ़वा, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, जैनामोड़, बोकारो के व्यापारी और कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे।