Delhi Blast: अल-फलाह विश्वविद्यालय का डॉक्टर उमर लाल किला विस्फोट का मास्टरमाइंड निकला
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के सामने आई-20 कार में हुए धमाके ने देश को झकझोर दिया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय का डॉक्टर उमर मोहम्मद है। वह धमाके से तीन दिन पहले विश्वविद्यालय से छुट्टी लेकर निकला था और तभी से लापता था।
तीन दिन पहले ली थी छुट्टी, फिर गायब हो गया डॉक्टर उमर
सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर ने शनिवार को विश्वविद्यालय से अवकाश लिया और अपने घर जाने की बात कहकर रवाना हुआ। लेकिन उसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, उसने किसी से संपर्क नहीं किया और उसका मोबाइल भी उसी दिन से बंद था।
जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर के परिवार ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को सूचना दी थी कि वह घर नहीं पहुंचा। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अल-फलाह विश्वविद्यालय से विस्तृत पूछताछ शुरू की।
साथी डॉक्टर के कमरे से मिला विस्फोटक का बड़ा जखीरा
रविवार को फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने डॉ. मुज्जमिल के किराए के कमरे से लगभग 360 किलो विस्फोटक सामग्री और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए। मुज्जमिल, डॉक्टर उमर का बेहद करीबी दोस्त बताया जा रहा है। इसी के अगले दिन, सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास आई-20 कार में धमाका हुआ।
इस बरामदगी ने पूरे घटनाक्रम की दिशा बदल दी। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इस विस्फोटक सामग्री का कुछ हिस्सा दिल्ली हमले में इस्तेमाल हुआ।
चिकित्सा से आतंक के रास्ते तक: डॉक्टर उमर की कहानी
Delhi Blast: डॉ. उमर मोहम्मद मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर का रहने वाला है। उसने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से एमडी (मेडिसिन) की डिग्री हासिल की थी। कुछ समय तक अनंतनाग में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत रहने के बाद, उसे फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में बतौर मेडिकल शिक्षक नियुक्त किया गया था।
विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल में ही उसका निवास था। उसके छात्र और सहकर्मी उसे एक शांत और अध्ययनशील व्यक्ति के रूप में जानते थे। लेकिन अब जांच एजेंसियों का कहना है कि उसके संबंध संदिग्ध संगठनों से हो सकते हैं, जिनकी गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती हैं।
जांच एजेंसियों ने बनाई विशेष टीम
एनआईए और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने उमर के पिछले 11 घंटे के मूवमेंट का डिजिटल रूटमैप तैयार किया है। इस रूटमैप में उसकी कार की लोकेशन, मोबाइल सिग्नल और सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ महत्वपूर्ण सुराग जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के बीच सक्रिय नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या विश्वविद्यालय के अन्य लोगों को उसकी गतिविधियों की जानकारी थी या नहीं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन से हुई लंबी पूछताछ
मंगलवार को जांच एजेंसियों ने अल-फलाह विश्वविद्यालय प्रबंधन से विस्तृत पूछताछ की। प्रशासन ने बताया कि उमर ने किसी प्रकार की असामान्य गतिविधि नहीं दिखाई थी और वह नियमित रूप से कक्षाएं लेता था।
हालांकि, कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में वह अचानक चुपचाप रहने लगा था और अपने निजी दायरे से बाहर बहुत कम बातचीत करता था।
जांच के दायरे में विश्वविद्यालय की भूमिका
अब जांच एजेंसियां विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका और उसकी सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठा रही हैं। यह देखा जा रहा है कि क्या किसी को पहले से उमर की हरकतों पर संदेह हुआ था। एजेंसियां विश्वविद्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती | Delhi Blast
यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। क्योंकि एक शिक्षित और डॉक्टर व्यक्ति का आतंकी साजिश में शामिल होना यह दर्शाता है कि आतंकवादी संगठन अब नई रणनीति के तहत शिक्षित वर्ग में भी अपनी जड़ें फैला रहे हैं।
लाल किला धमाका सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि उस मानसिकता का प्रतीक है जो शिक्षा और चिकित्सा जैसे पवित्र क्षेत्रों को भी अपनी साजिशों का हथियार बना रही है। जांच अभी जारी है, परन्तु इस केस ने देश की सुरक्षा एजेंसियों और समाज दोनों को गहरी सोच में डाल दिया है।