Delhi Blast Investigation: दिल्ली लाल किला विस्फोट में जैश-ए-मोहम्मद की साजिश का खुलासा

Delhi Blast Investigation
Delhi Blast Investigation: दिल्ली लाल किला विस्फोट में जैश-ए-मोहम्मद की साजिश का खुलासा (File Photo)
दिल्ली लाल किला मेट्रो पार्किंग विस्फोट को केंद्र सरकार ने आतंकी हमला घोषित किया। जांच में जैश-ए-मोहम्मद से संबंध, टेलीग्राम चैट और 20 लाख नकद में खरीदे विस्फोटक के सबूत मिले हैं। NIA और ATS संयुक्त रूप से इस आतंकी साजिश की तहकीकात में जुटी हैं।
नवम्बर 13, 2025

Delhi Blast Investigation: जैश-ए-मोहम्मद की साजिश के नए सबूत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दिल्ली के लाल किला मेट्रो पार्किंग विस्फोट को आतंकवादी हमला घोषित कर दिया है। जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। शुरुआती जांच से यह पुष्टि हुई है कि इस विस्फोट के पीछे जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठन की गहरी साजिश थी।

जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस खंगालते हुए टेलीग्राम चैट्स में जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क का खुलासा किया है। यह भी सामने आया है कि विस्फोट में उपयोग हुए रसायन और उपकरण 20 लाख रुपये नकद में खरीदे गए थे।


केंद्र सरकार ने मानी आतंकी घटना, जांच यूएपीए के तहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि “10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास हुआ कार ब्लास्ट एक योजनाबद्ध आतंकी घटना थी, जिसका उद्देश्य देश की सुरक्षा को चुनौती देना था।”

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और विशेष आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) मिलकर कर रहे हैं। इस केस को यूएपीए और विस्फोटक अधिनियमों के तहत दर्ज किया गया है।


20 लाख रुपये नकद में हुई थी विस्फोटक सामग्री की खरीद

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर 20 लाख रुपये नकद जुटाए थे। यह रकम उमर को सौंपा गया था, जिसने नूंह और गुरुग्राम के आसपास से 20 क्विंटल से अधिक एनपीके उर्वरक खरीदा था।

अधिकारियों का कहना है कि यह उर्वरक आईईडी बनाने में उपयोग किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर के बीच धन के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ था, जिससे समूह के भीतर तनाव बढ़ा।


हताशा में किया गया धमाका या सुनियोजित साजिश?

Delhi Blast Investigation: फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आतंकियों ने घबराहट में दिल्ली में धमाका कर दिया।
जांचकर्ताओं का मानना है कि असफल योजनाओं के बाद आतंकी अपने नेटवर्क को सक्रिय दिखाने के लिए किसी भी तरह की घटना को अंजाम देना चाहते थे।

एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस मॉड्यूल को पाकिस्तान से किसने निर्देश दिए थे और धन किस माध्यम से भारत तक पहुंचाया गया।


टेलीग्राम चैट से उजागर हुआ जैश नेटवर्क

पुलिस को मिले टेलीग्राम चैट में जैश-ए-मोहम्मद के हैंडल्स से लगातार संवाद मिलता रहा है।
डॉ. मुज़म्मिल गनई की गिरफ्तारी के बाद जो चैट सामने आई, उसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं से योजनाओं को लेकर विस्तृत वार्तालाप हुआ था।
इसके अलावा, डॉ. शाहीन सईद का नाम भी मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से जुड़े संपर्कों में पाया गया है।


आतंकी डॉक्टर की निजी जिंदगी में भी थे रहस्य

डॉ. शाहीन सईद के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी पत्नी इस राह पर चलेगी।
कानपुर के केपीएम अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत जफर हयात ने कहा, “शाहीन अक्सर विदेश जाने की जिद करती थी, लेकिन मुझे भारत में रहकर सेवा करनी थी।”

उनके अनुसार, शादी 2003 में हुई थी और दोनों के दो बच्चे हैं। “उसकी महत्वाकांक्षा अजीब थी—वह हमेशा कुछ बड़ा और अलग करने की बात करती थी,” उन्होंने कहा।


देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

इस घटना के बाद दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
NIA के साथ IB और RAW भी इस केस में संयुक्त रूप से सुराग खोज रही हैं।
एजेंसियों का फोकस अब उन फंडिंग स्रोतों और डिजिटल नेटवर्क पर है, जिनसे आतंकी संवाद कर रहे थे।

सरकार ने दोहराया है कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति पर कायम रहेगा।

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