Delhi Weather: सर्दी ने दस्तक देते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एक बार फिर उस संकट में धकेल दिया है, जिससे यहां के लोग हर साल जूझते हैं। घना कोहरा, गिरती दृश्यता और जानलेवा वायु प्रदूषण ने राजधानी की रफ्तार थाम दी है। शनिवार की सुबह दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई, जिससे सड़क से लेकर आसमान तक यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
सबसे ज्यादा असर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देखने को मिला, जहां यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 129 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। इनमें 66 आगमन और 63 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं। हजारों यात्री घंटों एयरपोर्ट पर फंसे रहे, कई को अपनी यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ीं। कई उड़ानें देर से चलीं या अन्य शहरों की ओर मोड़ दी गईं।
आईजीआई एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण उड़ानों का संचालन सुरक्षित नहीं था। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम हो गई कि रनवे पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ संभव नहीं हो सका। यही वजह है कि एहतियातन बड़ी संख्या में उड़ानें रद की गईं। एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे एयरलाइन से उड़ान की स्थिति की पुष्टि करने के बाद ही घर से निकलें।
सड़कों पर भी थमी रफ्तार
केवल हवाई यातायात ही नहीं, बल्कि सड़क यातायात भी कोहरे की चपेट में रहा। दिल्ली की प्रमुख सड़कों और एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों को बेहद धीमी गति से चलना पड़ा। कई जगहों पर सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई, जिसके चलते यातायात पुलिस ने अतिरिक्त सतर्कता बरती। सुबह के समय दफ्तर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेल सेवाओं पर भी असर
घने कोहरे का असर रेल सेवाओं पर भी पड़ा। कई ट्रेनें देरी से चलीं और कुछ अपने निर्धारित समय से घंटों बाद दिल्ली पहुंचीं। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर लंबा इंतजार करना पड़ा, जिससे ठंड और असुविधा दोनों बढ़ गईं।
हवा बनी जानलेवा
कोहरे के साथ-साथ दिल्ली की हवा भी गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी के लगभग सभी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया। यह स्थिति सीधे तौर पर ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आती है।
पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार, आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे, जहां एक्यूआई 430 से ऊपर दर्ज किया गया। उत्तर और पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी, वजीरपुर, जहांगीरपुरी और पंजाबी बाग में भी हवा सांस लेने लायक नहीं रही। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है।
दृश्यता में भारी गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता बेहद कम रही। सफदरजंग में न्यूनतम दृश्यता मात्र 200 मीटर दर्ज की गई, जबकि पालम इलाके में यह 350 मीटर रही। इतनी कम दृश्यता में वाहन चलाना जोखिम भरा हो जाता है, जिससे हादसों की आशंका बढ़ जाती है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक घना कोहरा बना रह सकता है। ठंडी हवाओं की कमी और नमी के कारण कोहरे की स्थिति और गंभीर हो सकती है। विभाग ने लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पुरानी समस्या, नया संकट
दिल्ली में सर्दियों के दौरान प्रदूषण और कोहरे का यह संकट कोई नई बात नहीं है। हर साल यही हालात बनते हैं, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया है। पराली जलाने, वाहनों के धुएं, निर्माण कार्य और मौसमीय कारणों के मेल से यह समस्या और विकराल हो जाती है। सवाल यह है कि क्या हर साल इसी तरह जनजीवन ठप होता रहेगा, या कभी ठोस कदम उठाए जाएंगे।
आम लोगों की बढ़ती परेशानी
इस स्थिति का सबसे बड़ा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। लोग घर से बाहर निकलने से पहले मास्क और सावधानियों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह अस्थायी समाधान ही है।