IGI Airport: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों में बाधा का कारण स्पष्ट
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां प्रतिदिन हजारों यात्री देश और विदेश की यात्राओं के उद्देश्य से आते-जाते हैं। शुक्रवार को यहां की उड़ान सेवा में अचानक आई बाधा ने यात्रियों को भारी परेशानी में डाल दिया। कई हवाई जहाज समय पर उड़ान नहीं भर पाए, जिसके चलते यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा और एयरपोर्ट परिसर में अव्यवस्था तथा तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रारंभिक भ्रम और चर्चाओं में यह मामला साइबर हमले की ओर संकेत करने लगा था, लेकिन सरकार और संबंधित प्राधिकरणों ने इस सूचना को सिरे से खारिज कर दिया है।
साइबर हमले की आशंका पर सरकार का स्पष्ट बयान
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उड़ानों में देरी का कारण किसी भी प्रकार का साइबर हमला नहीं है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी आई थी, जिसे ठीक करने में समय लगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि किसी बाहरी हस्तक्षेप या साइबर हमले का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल सॉफ्टवेयर की भूमिका और महत्व
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) हवाई यातायात को नियंत्रित करने की प्रणाली है जो हजारों विमानों की उड़ान, लैंडिंग और अंतरिक्ष मार्ग को व्यवस्थित करती है। सॉफ्टवेयर में मामूली गड़बड़ी भी उड़ानों को नियंत्रित ढंग से संचालित करने में रुकावट डाल सकती है। इस घटना में भी सॉफ्टवेयर सिस्टम की खराबी ने उड़ानों को समय पर संचालित होने से रोका, जिसके परिणामस्वरूप उड़ानों को रोका गया और कुछ उड़ानों के मार्ग में अस्थायी फेरबदल भी किया गया।
यात्रियों की स्थिति और असुविधा
IGI Airport: सुबह से ही एयरपोर्ट पर हजारों यात्री अपनी उड़ानों के प्रस्थान की प्रतीक्षा में नजर आए। कई लोग अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के छूटने की आशंका से चिंतित दिखाई दिए। एयरपोर्ट प्रशासन ने हालांकि यात्रियों को लगातार सूचना देने की प्रक्रिया जारी रखी, फिर भी देरी के कारण लोग असुविधा में रहे। कई यात्रियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सूचनाओं में स्पष्टता की कमी ने कठिनाई बढ़ाई।
एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 1500 से अधिक उड़ानों का आवागमन
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रतिदिन लगभग 1500 से अधिक विमानों का संचालन होता है। ऐसे में सिस्टम में किसी भी तकनीकी परेशानी के कारण बड़ी संख्या में उड़ानों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। शुक्रवार की स्थिति में भी यही हुआ जब सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुईं और यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में अपेक्षित से अधिक समय लगा।
समस्या के समाधान की दिशा में उठाए जा रहे कदम
सरकारी अधिकारियों और तकनीकी इंजीनियरों की टीमें समस्या के समाधान में लगातार सक्रिय रहीं। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने कहा है कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए सिस्टम में अतिरिक्त सुरक्षा और बैकअप व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।