लालकिले विस्फोट की परतें: बिखरे मॉड्यूल, आंतरिक कलह और आतंकी उमर नबी की एकल कार्रवाई का खुलासा

Red Fort Blast Case
Red Fort Blast Case: जांच में आतंकी मॉड्यूल के बिखराव और उमर नबी की आतुरता से उपजा समयपूर्व विस्फोट (Photo: IANS)
लालकिले विस्फोट की जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकी मॉड्यूल के भीतर लगातार विवाद, हमले की तारीखों में बदलाव और मुख्य आरोपी उमर नबी की अधीरता ने पूरे नेटवर्क को भीतर से तोड़ दिया। फरीदाबाद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद नबी ने अकेले ही 10 नवंबर को समयपूर्व विस्फोट कर दिया।
नवम्बर 19, 2025

आतंकी मॉड्यूल के बिखराव ने क्यों जन्म दिया समयपूर्व विस्फोट

अंतहीन टकराव और बुनियादी योजना का ध्वंस

दिल्ली के लालकिले के समीप हुए विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आतंकी मॉड्यूल के भीतर गहरे मतभेद, अधीरता और अविश्वास ने इस पूरे नेटवर्क को भीतर ही भीतर नष्ट कर दिया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी लगातार इस बात को लेकर आक्रोशित था कि योजनाबद्ध हमला बार-बार टल रहा है।

मूल योजना 15 अगस्त को हमले की थी, जिसे बाद में 6 दिसंबर पर ले जाया गया। सुरक्षा की कड़ी संभावना के कारण इसे पुनः 26 जनवरी तक खिसका दिया गया। इन निरंतर बदलावों ने नबी के व्यवहार में असंतुलन पैदा कर दिया था। मॉड्यूल के अन्य सदस्य—मुसम्मिल और डॉ. शहीन—हमले के सही समय को लेकर सावधानी बरतने के पक्षधर थे, जबकि नबी तत्काल “सितंबर स्पेक्टेकल” नामक अपने विचार को लागू करवाना चाहता था।

सितंबर स्पेक्टेकल’ का दबाव और आंतरिक संघर्ष

चैट ट्रांसक्रिप्ट्स और कई व्यक्तियों की गवाही से यह स्पष्ट है कि नबी निरंतर विवाद खड़ा करता था। भर्ती अभियान के लिए शहीन को मिले धन का खर्च-विवरण, हमले की तारीखों पर मुसम्मिल के सुझाव तथा रणनीतिक धैर्य—इन सभी बातों पर नबी का तीखा विरोध उसे समूह के भीतर अस्थिर स्थिति में रख रहा था।

नबी के व्यवहार में आक्रामकता और अनियंत्रित अधीरता इतनी गहरी थी कि साथी सदस्य उसे निर्णय-प्रक्रिया से दूर रखने पर विचार कर रहे थे। उनके बीच हुई आपसी बातचीत से यह संकेत मिलता है कि वे नबी को केवल अंतिम चरण में शामिल करने की योजना बना रहे थे, ताकि उसका अस्थिर स्वभाव पूरे मॉड्यूल को जोखिम में न डाल दे।

फरीदाबाद मॉड्यूल के ध्वंस का दबाव

फरीदाबाद मॉड्यूल के भंडाफोड़ और हज़ारों किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त होने से नबी की मानसिक स्थिति और विचलित हो गई। यही वह क्षण था जिसने उसे समयपूर्व और एकल कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। जांच अधिकारियों के अनुसार, मॉड्यूल के टूटने और लगातार टलती तारीखों ने नबी के भीतर भय, कुंठा और त्वरित प्रभाव वाला हमला करने की तीव्र इच्छा पैदा की।

यही कारण रहा कि उसने 10 नवंबर को लालकिले के समीप भीड़भाड़ वाले मार्ग पर अकेले ही विस्फोट कर दिया। यह हमला मूल योजना से कहीं छोटा था, जबकि मॉड्यूल पहले 100 से अधिक लोगों को निशाना बनाने वाला एक बड़े पैमाने का आतंकी प्रहार चाहता था।

वीडियो संदेश और मानसिक अस्थिरता के संकेत

विस्फोट से ठीक पहले नबी द्वारा जारी किया गया वीडियो भी इस अधीरता का प्रमाण माना जा रहा है। एजेंसियों का मानना है कि वह वीडियो केवल युवाओं को उकसाने के लिए नहीं था, बल्कि उसके मॉड्यूल साथियों के लिए एक संदेश भी था—एक चेतावनी कि वह अब प्रतीक्षा करने को तैयार नहीं है।

गृह खुफिया एजेंसी के अधिकारी बताते हैं कि नबी लंबे समय से चरमपंथी विचारों से प्रभावित था। वह निरंतर प्रतिशोध, हत्या और बड़े हमलों के बारे में ही बात करता था। यह मानसिक अस्थिरता उसकी गतिविधियों में झलकती थी। साथी सदस्यों को भी यह भय था कि उसका असंतुलित स्वभाव पूरे नेटवर्क को तबाह कर देगा।

मॉड्यूल के भीतर अविश्वास और गणनात्मक विफलता

फरीदाबाद मॉड्यूल की विफलता ही वह बिंदु थी जहां आंतरिक तनाव और टूटन ने पूरे नेटवर्क को धराशायी कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि नबी की अधीरता और आक्रामकता ने सदस्यों के बीच इतना अविश्वास पैदा कर दिया कि वे रणनीतिक सतर्कता खो बैठे। इसी कारण मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ और अंततः नबी को एकल कार्रवाई करने का रास्ता मिल गया।

नबी और दूसरों के बीच हुए चैट आदान-प्रदान यह दर्शाते हैं कि सितंबर से अक्टूबर तक विवाद बढ़ता गया। नबी हर हाल में सितंबर में हमला चाहता था, जबकि मॉड्यूल के अन्य सदस्य इसके लिए तैयार नहीं थे। इस आंतरिक कलह ने आतंकियों की योजनाओं को असमय उजागर किया और समूह के समन्वय को नष्ट कर दिया।

समयपूर्व विस्फोट—एक विफल रणनीति

विश्लेषकों के अनुसार, नबी द्वारा किया गया विस्फोट अपने नियोजित लक्ष्य का केवल एक अंश था। यह हमला भले ही जनहानि का कारण बना हो, परंतु यह मॉड्यूल की “बड़ी कार्रवाई” की महत्वाकांक्षा को पूरा नहीं करता। इसके बजाय इसने यह दिखा दिया कि आतंकी नेटवर्क आंतरिक मतभेदों और अविश्वास के कारण कितनी आसानी से ध्वस्त हो सकते हैं।

यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।

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