सोन पापड़ी से जुड़ी नाराजगी
हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री के कर्मचारियों ने दिवाली 2025 के अवसर पर बोनस न मिलने के विरोध में सोन पापड़ी के डब्बे फैक्ट्री के गेट पर फेंक दिए। यह घटना 21 अक्टूबर को घटी, और वायरल वीडियो में कर्मचारियों की नाराजगी साफ दिखाई दे रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि त्योहारी खर्चों को पूरा करने के लिए बोनस उनकी आर्थिक सहायता का एक अहम हिस्सा होता है। लेकिन प्रबंधन द्वारा सोन पापड़ी का विकल्प देने पर कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस विरोध की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर तेजी से वायरल हो गई। ऑनलाइन प्रतिक्रियाएँ दो हिस्सों में बंटी हुईं:
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कुछ ने कर्मचारियों की नाराजगी को सही ठहराया, आर्थिक दबावों और बोनस की अहमियत को समझते हुए।
A company gave ‘soan papdi’ to the workers on Diwali. The workers took it & then threw the boxes at the gate
Totally unacceptable: If you didn’t want it you should have declined, why throw food like this? This is the worst karma one can accumulate pic.twitter.com/GxJO88yNOh
— Sameer (@BesuraTaansane) October 21, 2025
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वहीं, कुछ ने खाने के अपव्यय की आलोचना की और सोन पापड़ी के सांस्कृतिक महत्व पर बहस छेड़ दी।
सोशल मीडिया पर इस विवाद ने त्योहारी बोनस, कर्मचारियों के अधिकार, और खाद्य अपव्यय जैसे विषयों पर नई बहस को जन्म दिया।
आर्थिक और सामाजिक पहलू
फैक्ट्री कर्मचारियों के विरोध ने यह स्पष्ट किया कि त्योहारी बोनस केवल अतिरिक्त आय नहीं, बल्कि कर्मचारियों के परिवारों के लिए आर्थिक सुरक्षा का माध्यम है। आर्थिक दबाव और महंगाई के इस दौर में, बोनस का महत्व और भी बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों और प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करती है।