हरियाणा पुलिस में मचा हड़कंप: आईपीएस पूरन कुमार के बाद एएसआई ने भी तोड़ा दम
हरियाणा पुलिस विभाग एक बार फिर गहरे सदमे में है। आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के कुछ ही दिनों बाद, अब एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है।
दो वरिष्ठ अधिकारियों की आत्महत्याओं से विभाग में हड़कंप और सनसनी मच गई है।
संदीप लाठर, जो रोहतक के आईजी ऑफिस की साइबर सेल में तैनात थे, ने मंगलवार को अपने ही सरकारी हथियार से सिर में गोली मार ली।
घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में सन्नाटा फैल गया और इस केस ने नया “ट्विस्ट” ले लिया है।
सुसाइड नोट में चौंकाने वाले खुलासे
एएसआई लाठर ने खुदकुशी से पहले एक वीडियो और पांच पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है।
इस नोट में उन्होंने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ईमानदार अधिकारी बताया है।
उन्होंने लिखा कि पूरन कुमार ने गिरफ्तारी के डर से आत्महत्या की, और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
संदीप ने नोट में लिखा —
“मैंने अपनी जिंदगी में सच्चाई का साथ दिया है। मुझे सच्चे और ईमानदार लोग पसंद हैं। देश और समाज से बड़ा कोई नहीं होता।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह “भ्रष्टाचार परिवार” को छोड़ा नहीं जाना चाहिए, जिससे यह संकेत मिलता है कि आत्महत्या के पीछे आंतरिक भ्रष्टाचार और दबाव की कहानी छिपी हो सकती है।
पूरन कुमार केस से जुड़ी कड़ियाँ
पिछले सप्ताह मंगलवार को आईपीएस वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
उनके सुसाइड नोट में भी कई वरिष्ठ अधिकारियों और डीजीपी कार्यालय से जुड़े नामों का उल्लेख था।
इस मामले के सामने आने के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया था।
पूरन कुमार का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि संदीप लाठर की आत्महत्या ने पूरे राज्य में नए सवाल और शक खड़े कर दिए हैं।
कौन थे एएसआई संदीप लाठर?
संदीप लाठर, मूल रूप से गांव जुलाना (जिला जींद) के रहने वाले थे।
वे पांच बहनों के इकलौते भाई थे। उनके पिता हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर थे, जिन्होंने भी कुछ वर्ष पहले आत्महत्या कर ली थी।
संदीप अपने सच्चे और अनुशासित स्वभाव के लिए जाने जाते थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुछ समय पहले उन्हें सम्मानित भी किया था, जो यह दर्शाता है कि वे एक समर्पित और कर्मठ पुलिसकर्मी थे।
पुलिस विभाग में मचा तनाव और सवालों का सिलसिला
दोनों अधिकारियों की आत्महत्याओं ने हरियाणा पुलिस की आंतरिक व्यवस्था, कार्य संस्कृति और दबावपूर्ण वातावरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या इन आत्महत्याओं के पीछे भ्रष्टाचार, राजनीतिक दबाव, या प्रशासनिक असमानता जैसी बातें हैं?
इन घटनाओं से पुलिस कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और विभागीय तंत्र की पारदर्शिता को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।
जांच की मांग तेज
एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के बाद राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर जांच का दबाव बढ़ गया है।
सामाजिक संगठनों और पुलिस संघों ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
आईपीएस पूरन कुमार और एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्याएँ हरियाणा पुलिस के भीतर गहरे संकट की ओर इशारा करती हैं।
जहाँ एक ओर विभाग ईमानदारी और पारदर्शिता का प्रतीक बनने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामले सिस्टम के भीतर की खामियों और दबावों को उजागर करते हैं।
इस पूरे प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि —
क्या हरियाणा पुलिस के भीतर सच्चाई और ईमानदारी की आवाज़ उठाने वालों को दबाया जा रहा है?