बैंक डकैती का बड़ा खुलासा: झारखंड पुलिस ने बिहार से पकड़े 11 आरोपी, करोड़ों की लूट में शामिल थे अपराधी
देवघर, 27 अक्टूबर 2025 —
झारखंड पुलिस ने सितंबर में हुई मधुपुर एचडीएफसी बैंक डकैती का पर्दाफाश करते हुए बिहार के वैशाली जिले से 11 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से ₹5.5 लाख नकद, एक पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस, दो एटीएम, एक कार, 10 मोबाइल फोन और एक मास्क बरामद किया है।
देवघर के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी वैशाली के निवासी हैं और उन्होंने अपने अपराध की स्वीकारोक्ति कर ली है।
दिनदहाड़े की गई थी 1.64 करोड़ की डकैती
22 सितंबर को मधुपुर स्थित एचडीएफसी बैंक शाखा में दिनदहाड़े ₹1.64 करोड़ नकद और 2 किलो सोना लूट लिया गया था। छह हथियारबंद अपराधियों ने बैंक स्टाफ को बंदूक की नोक पर धमकाकर लूट को अंजाम दिया था।
एसपी कुमार ने बताया,
“घटना के बाद अपराधियों ने बैंक कर्मियों के साथ मारपीट भी की थी। यह एक योजनाबद्ध वारदात थी जिसमें स्थानीय स्तर पर पहले से रेकी की गई थी।”
बिहार के अपराधी झारखंड में किराएदार बनकर छिपे थे
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि सभी आरोपी बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले हैं, जो झारखंड के देवघर क्षेत्र में किराएदार बनकर रह रहे थे।
उन्होंने अपनी असली पहचान छिपाकर कई दिनों तक बैंक की गतिविधियों पर नज़र रखी और फिर लूट को अंजाम दिया।
एसपी ने मकान मालिकों और होटल संचालकों से अपील की,
“किराएदार या होटल में ठहरने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र की प्रति अवश्य लें। यह जांच और सुरक्षा के लिए जरूरी है ताकि भविष्य में अपराधी इस तरह छिप न सकें।”
पुलिस की तगड़ी कार्रवाई: कई राज्यों में चली जांच
घटना के बाद पुलिस ने कई विशेष टीमों का गठन किया था। देवघर पुलिस ने गोवा, फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस से सहयोग लेकर आरोपियों की तलाश की।
एसपी सौरभ कुमार ने बताया,
“हमने तकनीकी साक्ष्यों और मोबाइल लोकेशन के आधार पर अपराधियों का पता लगाया। बिहार के वैशाली जिले में रविवार को छापेमारी की गई और सभी 11 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।”
पुलिस ने जब्त की नकदी, हथियार और तकनीकी उपकरण
गिरफ्तार अपराधियों से पुलिस ने ₹5.5 लाख नकद, एक देसी पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस, दो एटीएम मशीनें, 10 मोबाइल फोन, और एक कार जब्त की है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने लूटी गई रकम का एक हिस्सा पहले ही खर्च कर दिया है, जबकि शेष रकम और संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया जारी है।
एसपी कुमार ने कहा,
“हम आरोपियों की संपत्ति की जांच कर रहे हैं और जल्द ही उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई करेंगे।”
अपराधियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि सभी गिरफ्तार आरोपी पहले से ही कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहे हैं।
वे अलग-अलग अपराधी गिरोहों से जुड़े हुए हैं और कई राज्यों में डकैती, चोरी और लूट जैसे मामलों में शामिल रहे हैं।
एसपी ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि ये आरोपी पेशेवर अपराधी नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो कई बैंकों में रेकी कर समान वारदातों की योजना बना रहे थे।
बढ़ती बैंक डकैतियों के बीच सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने झारखंड और आसपास के इलाकों में बैंक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हाल के महीनों में बैंक लूट की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, जिससे नागरिकों में भय का माहौल है।
पुलिस ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा कैमरों, अलार्म सिस्टम और गार्ड तैनाती को मजबूत करें।
साथ ही, स्थानीय थानों को बैंक समय में गश्त बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
निष्कर्ष: पुलिस की बड़ी सफलता, लेकिन सावधानी जरूरी
झारखंड पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण सफलता है, जिसने न केवल एक बड़ी लूट का खुलासा किया बल्कि बिहार के संगठित अपराध नेटवर्क पर भी करारा प्रहार किया है।
हालांकि यह भी उतना ही आवश्यक है कि पुलिस और बैंक प्रशासन दोनों भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा तंत्र और डिजिटल निगरानी को और सशक्त करें।
ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।