श्रावणी मेला 2026 की तैयारी ने पकड़ी रफ्तार
देवघर में आयोजित राजकीय श्रावणी मेला 2026 की तैयारियों ने अब व्यवस्थित रूप से गति पकड़ ली है। रविवार को देवघर परिसदन के सभागार में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्री सुदिव्य कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिया कि इस बार श्रावणी मेला पूर्णतः तकनीक-सहज, सुरक्षित और सुविधाओं से परिपूर्ण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब समय है कि अस्थायी प्रबंधों से आगे बढ़ते हुए ऐसे स्थायी ढांचे तैयार किए जाएं, जो आने वाले वर्षों की भीड़ और आवश्यकताओं को सहजता से संभाल सकें।
यह बैठक कई विभागों की संयुक्त उपस्थिति में हुई, जिसमें देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा और दुमका के उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने विभागवार प्रस्तुतियाँ दीं और तैयारियों का विस्तृत विवरण साझा किया।

कावड़िया पथ का व्यापक उन्नयन
श्रावणी मेला लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है और उनमें से अधिकांश कांवड़ लेकर ही बाबा धाम पहुंचते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने दुम्मा से खिजुरिया तक पूरे कावड़िया पथ को सुगम, सुरक्षित और आधुनिक बनाने का निर्देश दिया।
उन्होंने इस मार्ग पर PQC रोड निर्माण, पूरे रास्ते पर केनोपी लगाने तथा खिजुरिया–शिवगंगा फुटओवर ब्रिज की डीपीआर में आधुनिक सुधार करने का आदेश दिया।
बिजली विभाग को कावड़िया पथ से पोल और ट्रांसफार्मर हटाने का निर्देश देकर मार्ग को अधिक खुला और सुरक्षित बनाने पर बल दिया गया।
मेला क्षेत्र में आधुनिक शौचालय, स्नानागार और पेयजल की व्यवस्था
मेला क्षेत्र में स्वच्छता और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मंत्री ने शौचालय कॉम्प्लेक्स, स्नानागार और पेयजल सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया।
नेहरू पार्क में शौचालय–स्नानागार निर्माण, शिवगंगा की दक्षिणी घाट पर Static Water Jetting System लगाने और घाटों के स्टेप-राइजिंग कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा गया।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश सुनिश्चित करते हैं कि हर आगंतुक को साफ-सुथरी और पर्याप्त सुविधाएं मिलें।
RFID तकनीक होगी और प्रभावी
मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन और विशेषकर बच्चों तथा बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए प्रयोग की जाने वाली RFID तकनीक को और मजबूत करने की योजना बनाई गई है।
मंत्री ने कहा कि स्मार्ट तकनीक पर आधारित उपायों के माध्यम से इस बार श्रद्धालुओं को अधिक सुरक्षित एवं सहज अनुभव दिया जाएगा।
क्यू कॉम्प्लेक्स और होल्डिंग पॉइंट होंगे आधुनिक
लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालुओं की परेशानी को कम करने के लिए क्यू कॉम्प्लेक्स को सुविधायुक्त, हवादार और व्यवस्थित बनाने का निर्देश दिया गया।
साथ ही मंदिर परिसर के पास ऐसे होल्डिंग पॉइंट विकसित करने का सुझाव दिया गया है, जहाँ भीड़ के बीच भी श्रद्धालुओं को आराम और सुविधा मिल सके।
अस्थायी टेंट सिटी और पार्किंग स्थल
चूंकि श्रावणी मेला देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, इसलिए अस्थायी टेंट सिटी, वाहन पड़ाव और पार्किंग स्थल के लिए उचित जमीन चयन की प्रक्रिया तेज करने का आदेश दिया गया।
यह कदम भीड़ प्रबंधन और आवागमन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बेलपत्र से अगरबत्ती निर्माण और नीर ट्रीटमेंट प्लांट
मंत्री ने बाबा मंदिर में आने वाले बड़ी मात्रा में बेलपत्र के उपयोग से स्थानीय स्तर पर अगरबत्ती निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया।
इसके साथ मंदिर परिसर में नीर ट्रीटमेंट प्लांट जल्द शुरू करने पर जोर दिया गया, जिससे स्वच्छता और स्थानीय रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
देवघर–बासुकीनाथ मार्ग और यातायात प्रबंधन
देवघर से बासुकीनाथ तक श्रद्धालुओं के सुरक्षित और निर्बाध आवागमन पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
रेलवे स्टेशन से मंदिर क्षेत्र तक की ट्रैफिक व्यवस्था, शटल सेवाएं, रूट डायवर्जन और वाहनों के सुगम संचालन पर गहन चर्चा की गई।
मंत्री ने कहा कि किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए यातायात व्यवस्था मजबूत और सुव्यवस्थित होनी चाहिए।
बासुकीनाथ में स्थायी पुलिस आवासन और शौचालय कॉम्प्लेक्स
सुरक्षा के लिहाज से बासुकीनाथ में स्थायी पुलिस आवासन, नया पुलिस ओपी और महिला, पुरुष तथा दिव्यांगजन के लिए अलग-अलग शौचालय–स्नानागार निर्माण तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
20 गलियों में सुधार और अतिक्रमण हटाने की योजना
बैद्यनाथ मंदिर से जुड़े 20 प्रमुख मार्गों—जैसे शिवगंगा लेन, पंडा लेन, एफओबी, बैद्यनाथ लेन और सी.पी. ड्रोलिया रोड—में नाला निर्माण, सड़क मरम्मत, अतिक्रमण रोकने के लिए बैरिकेडिंग और बेहतर रोशनी व्यवस्था करने की योजना बनाई गई है।
विभागों की संयुक्त समीक्षा और समन्वय पर जोर
बैठक में पुलिस, पीएचईडी, नगर निगम, स्वास्थ्य, जनसंपर्क, खेलकूद, विद्युत और अन्य विभागों की संयुक्त प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि श्रावणी मेला 2026 की सफलता तीन स्तंभों पर निर्भर है—नीति, समन्वय और समयसीमा।