राँची।
राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने मोरहाबादी, राँची में आयोजित “हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी – विकसित भारत @2047” मैराथन में उपस्थित प्रतिभागियों, आयोजकों और नागरिकों को संबोधित करते हुए स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह मैराथन राष्ट्र चेतना, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है। राज्यपाल ने आयोजन के लिए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ को बधाई दी और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
स्वदेशी अपनाने का संदेश
राज्यपाल महोदय ने अपने संबोधन में कहा —
“हर घर स्वदेशी” का आह्वान महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने का संदेश देता है। गांधी जी ने हमेशा कहा था कि स्वदेशी अपनाना केवल वस्तु का चयन नहीं, बल्कि देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संदेश “वोकल फॉर लोकल” इसी सोच को आगे बढ़ाता है।
राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि जब हम देश में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देते हैं, तो हम सिर्फ उत्पाद का समर्थन नहीं करते, बल्कि देश के श्रम, कौशल और सम्मान का समर्थन करते हैं। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता है, बल्कि देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
मैथ्रान का उद्देश्य और प्रभाव
मैराथन में भाग लेने वाले हर कदम में स्वदेशी, स्वास्थ्य और स्वाभिमान का संदेश शामिल था। राज्यपाल ने प्रतिभागियों की लगन और उत्साह की सराहना की और कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि यहाँ के नागरिक इस अभियान को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे प्रधानमंत्री जी के “वोकल फॉर लोकल” संदेश को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। स्थानीय उत्पादों को अपनाकर हर नागरिक आत्मनिर्भर और विकसित भारत @2047 के निर्माण में योगदान दे सकता है।
विकसित भारत @2047 की दिशा
राज्यपाल ने कहा कि स्वदेशी अपनाना, देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है और यही ‘विकसित भारत @2047’ का मार्ग है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे न केवल व्यक्तिगत रूप से स्वदेशी वस्तुओं का चयन करें, बल्कि समाज में भी इसकी जागरूकता फैलाएँ।

राज्यपाल ने सभी से स्वदेशी अपनाने, स्वावलंबी बनने और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक की छोटी-छोटी पहल देश की समृद्धि और आत्मनिर्भरता में बड़ा योगदान देती है।
मोरहाबादी मैराथन ने यह सिद्ध कर दिया कि जन-जागरूकता अभियान केवल संदेश देने तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि लोगों को सक्रिय भागीदारी और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित कर रहा है। राज्यपाल का संदेश स्पष्ट था — स्वदेशी अपनाएँ, स्थानीय उत्पादों का समर्थन करें और विकसित भारत @2047 की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
वेब स्टोरी:
इस मैराथन ने उपस्थित लोगों को यह अहसास दिलाया कि हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है, और छोटे-छोटे प्रयासों से ही देश का भविष्य सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।