राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार को राजधानी रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक समारोह हर्बिंजर्स 2025 में भाग लेकर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने वर्ष 1966 में स्थापित इस प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की गौरवशाली परंपरा, अनुशासन और उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि यह विद्यालय न केवल झारखंड बल्कि संपूर्ण देश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल गंगवार ने पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का विशेष उल्लेख किया और कहा कि उनकी सादगी, अनुशासन और अंतरराष्ट्रीय ख्याति इस संस्थान की मूल भावना का प्रतीक है। धोनी जैसी शख्सियत इस बात का प्रमाण है कि जवाहर विद्या मंदिर ने न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बल्कि चारित्रिक मजबूती भी अपने छात्रों में विकसित की है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना
राज्यपाल ने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियां विद्यार्थियों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सम्मान को अभिव्यक्त करने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। समारोह में प्रस्तुत गीत, नृत्य, नाटक और विविध कलात्मक प्रस्तुतियां विद्यार्थियों की प्रतिभा, मेहनत और नवाचार की भावना को दर्शाती हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन केवल मनोरंजन के लिए नहीं होते, बल्कि ये विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राएं अपने अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त करते हैं।
शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य
राज्यपाल गंगवार ने अपने संबोधन में शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल अंकों की प्राप्ति नहीं है, बल्कि संवेदनशील, संस्कारित और उत्तरदायी नागरिक का निर्माण करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह व्यक्ति के नैतिक और चारित्रिक मूल्यों का निर्माण भी करती है।
राज्यपाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति समग्र शिक्षा की अवधारणा को मजबूत करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का भी जिक्र किया और विद्यार्थियों को संदेश दिया कि खुद पर भरोसा रखें, मेहनत करें और मुस्कुराते रहें। उन्होंने कहा कि परीक्षा जीवन का एक हिस्सा है, न कि संपूर्ण जीवन।
भगवान बिरसा मुंडा की प्रेरणा
झारखंड की वीरभूमि और भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और प्रेरणादायी जीवन को स्मरण करते हुए राज्यपाल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे ईमानदारी, परिश्रम और सकारात्मकता को अपने जीवन में सर्वोच्च स्थान दें। उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती ने अनेक महान विभूतियों को जन्म दिया है और यहां के विद्यार्थियों को इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए।
राज्यपाल ने विशेष रूप से विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक और अभिभावक ही वे स्तंभ हैं जो विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देते हैं।

विद्यालय प्रशासन की सराहना
राज्यपाल ने हर्बिंजर्स 2025 के सफल आयोजन के लिए विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई और धन्यवाद दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और अनुशासन से राज्य एवं देश का नाम आगे भी गौरवान्वित करते रहेंगे।
अपने संबोधन के समापन में राज्यपाल गंगवार ने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। उन्होंने कहा कि जवाहर विद्या मंदिर जैसे संस्थान देश के भविष्य निर्माताओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अभिभावक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। समारोह में विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी।