स्वदेशी अभियान से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण: बाबूलाल मरांडी
झारखंड भाजपा कार्यालय में आज प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रदेशभर में शुरू किए जा रहे स्वदेशी अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री एवं अभियान संयोजक मनोज कुमार सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक तथा प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान स्वदेशी अभियान के स्टीकर, पोस्टर, पंपलेट, नोट पैड एवं संकल्प पत्र का लोकार्पण किया गया।
हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी: अभियान का मंत्र
अपने संबोधन में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का संकल्प तभी संभव है, जब हर नागरिक अपने जीवन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाए। उन्होंने कहा कि “हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी” का मंत्र देशव्यापी जनआंदोलन का रूप ले, यही इस अभियान का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि भाजपा आने वाले समय में सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में स्वदेशी अभियान सम्मेलन आयोजित करेगी तथा घर-घर संपर्क अभियान भी चलाया जाएगा।
भारत का गौरवशाली आर्थिक इतिहास
मरांडी ने कहा कि भारत का इतिहास आर्थिक समृद्धि का प्रतीक रहा है।
उन्होंने बताया कि 125 ई.पू. मौर्यकाल में भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, जहां विश्व GDP में भारत का योगदान 33% था।
16वीं शताब्दी तक यह योगदान 24.4% था, लेकिन औपनिवेशिक शासन और लूट-खसोट ने भारत को 1947 तक केवल 4% GDP हिस्सेदारी तक सीमित कर दिया।
आजादी के समय भारत 136वें स्थान पर सबसे गरीब देशों की सूची में था।
स्वदेशी आंदोलन से आज़ादी तक का सफर
मरांडी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, सरदार पटेल जैसे महान नेताओं ने स्वदेशी को स्वतंत्रता संग्राम का शस्त्र बनाया था।
स्वदेशी आंदोलन ने भारत की स्वतंत्रता में अमिट योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस शासनकाल में स्वदेशी सोच को वह बल नहीं मिला, जिसकी आवश्यकता थी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मोदी सरकार के कदम
मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आत्मनिर्भर भारत की नई परिकल्पना को साकार किया है।
भारत अब ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत 667 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, और आज भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल मेड इन इंडिया हैं।
भारत का मोबाइल निर्यात 1500 करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि खिलौनों का निर्यात 239% बढ़ा है।
भारत आज 153 देशों को खिलौने निर्यात करता है, ट्रैक्टर निर्माण में प्रथम, बस निर्माण में द्वितीय, और हैवी ट्रक निर्माण में तृतीय स्थान पर है।
रक्षा, टेक्सटाइल और अंतरिक्ष में बढ़ती आत्मनिर्भरता
टेक्सटाइल क्षेत्र में भारत विश्व का छठा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।
रक्षा क्षेत्र में निर्यात 34 गुना बढ़ा है और भारत अब 200 देशों को दवाइयाँ भेज रहा है।
2014 में जहाँ 25 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते थे, वहीं आज यह संख्या 98 करोड़ तक पहुँच चुकी है।
भारत सौर ऊर्जा में विश्व में तीसरे और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है।
देश अब 100 से अधिक देशों को ऑप्टिकल फाइबर निर्यात करता है।
मरांडी ने कहा कि अंतरिक्ष अभियानों में भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर हो रहा है।
त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की अपील
मरांडी ने कहा कि आने वाले दीपावली, छठ पूजा जैसे त्यौहारों में भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे दैनिक उपयोग की वस्तुओं में स्वदेशी विकल्प चुनें।
युवा पीढ़ी ही आत्मनिर्भर भारत की सच्ची निर्माता बनेगी।
उन्होंने कहा, “स्वदेशी अपनाओ, भारत बनाओ — यही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग है।”