RIMS-2 Protest News: नगड़ी में चल रहा किसानों का आंदोलन अब एक सामाजिक रूप लेता जा रहा है। इसी क्रम में आज “नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति” ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया कि वे लोग इस आंदोलन को सड़क से लेकर अदालत तक लड़ेंगे।
कल से अपनी जमीन पर धरना देंगे किसान
इसके तहत ग्रामीणों ने कल से अपनी जमीन पर धरना देने का निर्णय लिया है। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनके प्रचार गाड़ी को जब्त कर लिया है, जिसकी वजह से उन्हें प्रचार करने में काफी समस्याएं आ रही है।
झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों से सहयोग की ग्रामीणों ने की अपील
इसके बाद उन्होंने यह तय किया है कि अपनी जमीन पर इस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ वे लोग अदालत जाएंगे तथा कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन चूंकि वे काफी गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं, इसलिए उनके पास पैसे नहीं है, इसलिए उन्होंने पूरे झारखंड में पूरे झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों से आगे बढ़ाकर उन्हें सहयोग की अपील की है।
RIMS-2 Protest News: जिनके पास पैसे नहीं हैं, सिर्फ चावल देकर करें सहयोग
एक स्थानीय रैयत सीता कच्छप ने कहा कि अपने पुरखों के इस जमीन को बचाने के संघर्ष (RIMS-2 Protest News) में हमें समाज का साथ चाहिए। इसलिए पूरे झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, किसानों एवं आम लोगों से हम समर्थन की अपील करते हैं। जो कोई भी हमें सहयोग करना चाहे, उस परिवार से हम एक मुट्ठी चावल तथा कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 10 रुपए की सहयोग राशि की अपेक्षा करते हैं। अगर किसी के पास पैसे ना हो, तो वो लोग सिर्फ चावल देकर भी हमारा समर्थन कर सकते हैं।
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नगरी के किसानों के समर्थन में उतरे चंपाई सोरेन
नगड़ी के किसानों की इस पहल का पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने स्वागत एवं समर्थन किया है। आज ग्रामीणों के आमंत्रण पर नगड़ी पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के हल एवं कृषि उपकरणों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि ये किसान सिर्फ अपनी जमीन नहीं, बल्कि वास्तव में अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि एक बार विस्थापित हो जाने के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा।
सीएनटी, ग्रामसभा और भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन कर रही सरकार – चंपाई
उन्होंने कहा कि रिम्स-2 (RIMS-2 Protest News) के नाम पर सिर्फ अपनी जिद की वजह से सरकार इस खेतिहर जमीन पर सीएनटी, ग्राम सभा तथा भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन कर रही है। जिस जमीन का कभी अधिग्रहण ही नहीं हुआ, सरकार उसका अतिक्रमण कैसे कर सकती है? ऐसे कैसे आप किसी की जमीन पर तार से बाड़ बना सकते हैं?
भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही सरकार – चंपाई
उन्होंने बताया कि कोई इस जमीन के 1957 में हुए अधिग्रहण की बात कह रहा था। अगर यह सच है, तब तो सरकार इन किसानों के साथ पूरी तरह से नाइंसाफी कर रही है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में यह स्पष्ट किया गया है कि वैसी कोई भी भूमि, जिसका अधिग्रहण पहले शुरू हुआ हो और पूरा ना हो पाया हो, अर्थात जिसमें मुआवजे के पैसे नहीं दिए गए अथवा जमीन पर कब्जा ना हो पाया हो, उसे वापस करने का प्रावधान है। लेकिन राज्य सरकार इन प्रावधानों का खुला उल्लंघन कर रही है।
24 अगस्त को किसानों की जमीन पर हल चलायेंगे चंपाई सोरेन
पूर्व सीएम ने बताया कि झारखंड के आदिवासियों एवं मूलवासियों की इस लड़ाई (RIMS-2 Protest News) में वे उनके साथ खड़े हैं, तथा 24 अगस्त को उनकी जमीन पर आकर हल चलाएंगे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री देव कुमार धान, धर्मगुरु जगलाल पाहन, नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।