घाटशिला, झारखंड।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के गुड़ाबांदा में आयोजित बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर करारा हमला बोला।
उन्होंने कहा — “यह उपचुनाव केवल एक सीट का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड को दलालों, बिचौलियों और भ्रष्टाचारियों से बचाने का चुनाव है।”
मरांडी के साथ मंच पर जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्व विधायक राम कुमार पाहन, और पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
वेब स्टोरी:
“यह चुनाव झारखंड की अस्मिता का सवाल है”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार “अबुआ सरकार” कहकर जनता को भ्रमित कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि आज सबसे अधिक पीड़ित आदिवासी और मूलवासी समुदाय हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों पर दलालों, माफियाओं और बिचौलियों का कब्जा है, जिससे आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है।
मरांडी ने कहा —
“विकास के सारे कार्य ठप हैं। जनता को घर बनाने के लिए बालू तक नहीं मिल रही। जो गरीब नदी से बालू उठाता है, उसे पुलिस पकड़ लेती है, जबकि बड़े ठेकेदार खुलेआम बालू की लूट कर रहे हैं।”
“हेमंत सरकार ने बालू घाटों को माफियाओं को सौंप दिया”
पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि जब झारखंड गठन के बाद उनकी सरकार बनी थी, तब जनता के लिए बालू फ्री कर दिया गया था ताकि गरीबों को अपने घर बनाने में सहूलियत हो।
उन्होंने कहा कि 2013 में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनते ही बालू घाटों को दिल्ली, मुंबई और बिहार के दलालों को सौंप दिया गया।

मरांडी ने आरोप लगाया कि आज झारखंड में बालू माफिया, कोयला माफिया और शराब सिंडिकेट सब सक्रिय हैं — और सरकार इन पर कार्रवाई करने की बजाय संरक्षण दे रही है।
“राज्य की जनसांख्यिकी में हो रहा खतरनाक बदलाव”
अपने संबोधन में मरांडी ने झारखंड की जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफी) पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा —
“1951 में झारखंड में आदिवासी आबादी 36% थी, जो घटकर अब 26% रह गई है। सनातनी हिंदू 88% से घटकर 81% हो गए हैं, जबकि मुस्लिम आबादी 8.9% से बढ़कर 14.3% हो गई है।”
उन्होंने इसे “सामान्य वृद्धि नहीं, बल्कि घुसपैठ का परिणाम” बताया।
मरांडी ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को वर्तमान सरकार संरक्षण दे रही है, जिससे राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक बनावट बदल रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की “माटी, रोटी और बेटी” को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
“घुसपैठ एक सुनियोजित षड्यंत्र”
मरांडी ने कहा कि अब झारखंड के सीमावर्ती इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ रही हैं।
“चाकुलिया के कुछ गांवों में जहां पहले मुस्लिम आबादी शून्य थी, अब वहां भी लोग आधार कार्ड बनवा रहे हैं। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसे जनता समझ रही है,” उन्होंने कहा।
मरांडी ने स्पष्ट किया कि भाजपा झारखंड की पहचान और संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि घाटशिला उपचुनाव में जनता को यह तय करना है कि झारखंड किस दिशा में जाएगा —
“दलालों और भ्रष्टाचारियों की दिशा में या ईमानदार शासन की दिशा में।”
“भाजपा जनता की आवाज़ बनेगी”
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेगा और उन्हें बताएगा कि यह चुनाव केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य का चुनाव है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा —
“हमें जनता के बीच जाकर यह संदेश देना है कि भाजपा ही वह ताकत है जो झारखंड को फिर से विकास, रोजगार और ईमानदार शासन के रास्ते पर ला सकती है।”
मरांडी ने अपने भाषण के अंत में सभी कार्यकर्ताओं से उपचुनाव में भाजपा की जीत का संकल्प दोहराने का आह्वान किया।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, बाबूलाल मरांडी का यह भाषण झारखंड में भाजपा की राजनीतिक रणनीति का संकेत है — जिसमें भ्रष्टाचार, आदिवासी अधिकारों और घुसपैठ के मुद्दों को केंद्र में रखा जा रहा है।
घाटशिला उपचुनाव भाजपा के लिए केवल एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि राज्य में जनमत के मूड का परीक्षण माना जा रहा है।