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RSS Jabalpur Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जबलपुर बैठक में संघ शताब्दी वर्ष की रूपरेखा तय, दत्तात्रेय होसबाले बोले – ‘संघ का कार्य समाज और राष्ट्र के उत्थान का प्रतीक’

RSS Jabalpur Meeting 2025: संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की विस्तृत घोषणा, दत्तात्रेय होसबाले ने बताया संघ का सामाजिक विस्तार
RSS Jabalpur Meeting 2025: संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की विस्तृत घोषणा, दत्तात्रेय होसबाले ने बताया संघ का सामाजिक विस्तार
नवम्बर 1, 2025

संघ की शताब्दी वर्ष बैठक में जबलपुर बना ऐतिहासिक केंद्र

जबलपुर, 1 नवंबर 2025।
संस्कारधानी जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का समापन शनिवार को हुआ।
बैठक के अंतिम दिन आयोजित पत्रकार वार्ता में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय और स्थानीय कार्यक्रमों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि “यह बैठक संघ यात्रा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में दर्ज होगी।”


विजयादशमी पर देशभर में 62,555 कार्यक्रम, 32 लाख से अधिक स्वयंसेवक शामिल

होसबाले ने बताया कि विजयादशमी के अवसर पर नागपुर सहित देशभर में 62,555 कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 32,45,141 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े संघ कार्य के निरंतर फैलाव और समाज में उसकी जड़ों की गहराई को दर्शाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के 59,343 मंडलों में से 37,250 मंडलों में कार्यक्रम आयोजित हुए, जबकि नगरीय क्षेत्रों के 44,686 बस्तियों में से 40,220 बस्तियों ने भाग लिया।

“देश का कोई भी भौगोलिक क्षेत्र अछूता नहीं रहा। अंडमान से लेकर अरुणाचल और लद्दाख तक संघ के कार्य की उपस्थिति है,”
होसबाले ने कहा।

RSS Jabalpur Meeting 2025: संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की विस्तृत घोषणा, दत्तात्रेय होसबाले ने बताया संघ का सामाजिक विस्तार
RSS Jabalpur Meeting 2025: संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की विस्तृत घोषणा, दत्तात्रेय होसबाले ने बताया संघ का सामाजिक विस्तार

संघ का विस्तार: एक वर्ष में 10,000 नए स्थानों पर प्रारंभ हुआ कार्य

सरकार्यवाह ने बताया कि पिछले वर्ष की बैठक के बाद 10,000 नए स्थानों पर संघ कार्य प्रारंभ हुआ है।
वर्तमान में 55,052 स्थानों पर 87,398 शाखाएँ संचालित हैं, जो पिछले वर्ष से 15,000 अधिक हैं।
इसके अतिरिक्त 32,362 साप्ताहिक मिलन और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से संघ जनसंपर्क को और गहरा बना रहा है।

संघ का कार्य जनजातीय, कृषक, विद्यार्थी, व्यवसायी और श्रमिक वर्ग तक व्यापक स्तर पर फैल चुका है।


शताब्दी वर्ष के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय

बैठक में शताब्दी वर्ष के आगामी कार्यक्रमों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
संघ अब ग्रामीण व नगरीय स्तर पर “हिन्दू सम्मेलन” आयोजित करने जा रहा है।
इन सम्मेलनों के माध्यम से समाज में पंच परिवर्तन (विचार, व्यवहार, आचरण, संगठन और संस्कार) के विषयों को गहराई से पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

“हम चाहते हैं कि यह सम्मेलन केवल आयोजन न रह जाए, बल्कि समाज के आचरण का हिस्सा बने,”
होसबाले ने कहा।

इन सम्मेलनों में साधु-संत, मातृ शक्ति और समाज के प्रमुख वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। अनुमान है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 45,000 और नगरीय क्षेत्रों में 35,000 सम्मेलन होंगे।


तीन विशेष वक्तव्य: गुरु तेगबहादुर, बिरसा मुंडा और वंदेमातरम् पर चर्चा

बैठक में तीन ऐतिहासिक अवसरों पर वक्तव्य जारी किए गए —

  1. गुरु तेगबहादुर जी का 350वां बलिदान वर्ष:
    संघ ने घोषणा की कि उनके बलिदान को देशभर में श्रद्धा और प्रेरणा के रूप में मनाया जाएगा।
    उन्होंने धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा के लिए प्राण अर्पण किए — यह आज की पीढ़ी के लिए आदर्श है।

  2. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती:
    उन्हें केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि धर्मांतरण और सामाजिक चेतना के विरुद्ध एक सशक्त आवाज़ के रूप में याद किया गया।
    संघ ने उन्हें “प्रातः स्मरणीय जननायक” बताया।

  3. वंदेमातरम् के 150 वर्ष:
    संघ ने कहा कि यह केवल गीत नहीं, बल्कि “भारत की आत्मा का मंत्र” है।
    1975 में जब इसके 100 वर्ष पूरे हुए थे, तब आपातकाल के कारण कार्यक्रम स्थगित हुए। अब इस गीत की कहानी नई पीढ़ी को बताने का समय है।


नक्सल, मणिपुर और युवा विषयों पर भी चर्चा

होसबाले ने बताया कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों में कमी आई है और कई नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
मणिपुर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि “वहां जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल होगी,” और संघ कार्यकर्ताओं ने संकट के दौरान समाज में विश्वास निर्माण का कार्य किया है।

युवाओं को लेकर उन्होंने चिंता जताई कि नशे का बढ़ता प्रचलन राष्ट्र के भविष्य को प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थाओं को ड्रग्स रोकने की मुहिम में आगे आना होगा, और “कुटुंब प्रबोधन” की भूमिका इस दिशा में सबसे अहम है।


निष्कर्ष: संघ की शताब्दी यात्रा – समाज निर्माण की दिशा में अग्रसर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जबलपुर बैठक न केवल संगठनात्मक दृष्टि से, बल्कि वैचारिक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।
संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और राष्ट्र के पुनर्निर्माण का संकल्प वर्ष होगा।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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