अमरावती में विजयादशमी उत्सव पर संघ की विचारधारा
अमरावती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे. नंदकुमार ने अमरावती में आयोजित विजयादशमी उत्सव में कहा कि “भारत हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा। यह हमारा दृढ़ विश्वास है।”
उन्होंने बताया कि 1925 में संघ की स्थापना बिना किसी कार्यालय या नेता के हुई थी, लेकिन विचारों की निष्ठा और अनुशासन से संघ ने वटवृक्ष के समान विकास किया। संघ की असली शक्ति शाखाओं में निहित है।
स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रनिर्माण में संघ का योगदान
नंदकुमार जी ने कहा कि डॉ. केशव बळीराम हेडगेवार ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अनुशिलन समिति में कार्य किया और राष्ट्रनिर्माण हेतु व्यक्ति निर्माण का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्वामी विवेकानंद और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को विश्वपटल पर प्रस्तुत किया।
स्वयंसेवकों ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी निभाई। संघ ने बिना किसी राजकीय विचारधारा के, केवल सेवा और समर्पण के माध्यम से अनेक संगठन खड़े किए, जैसे विद्यार्थी परिषद और वनवासी कल्याण आश्रम।
भारतीय संस्कृति और मानवी मूल्य
विपश्यना आचार्या कमलताई गवई ने शुभकामना संदेश में कहा कि भारतीय संस्कृति मानवी मूल्यों पर आधारित है और समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता के मार्ग पर चलकर भारत एक सक्षम राष्ट्र बन सकता है।