मुंबई।
IMA Maharashtra Protest: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA – Indian Medical Association Maharashtra State) महाराष्ट्र ने राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा और शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। आंदोलन का मुख्य कारण सरकार द्वारा वर्षों से लंबित पड़ी अधिसूचनाओं का क्रियान्वयन न होना और मेडिकल ऑफिसरों की पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
2015 की अधिसूचना अब तक लागू नहीं
Mumbai: IMA Maharashtra का कहना है कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से वर्ष 2015 में मेडिकल ऑफिसर कैडर से संबंधित अधिसूचना को मंजूरी दी थी। लेकिन लगभग एक दशक बीत जाने के बावजूद इस अधिसूचना को अब तक लागू नहीं किया गया है।
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IMA Maharashtra Protest: डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार ने 5 नवंबर 2017 को इस मुद्दे पर तीन महीने के भीतर क्रियान्वयन का आश्वासन दिया था। परंतु समय बीतने के बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यही नहीं, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC) का चुनाव भी बिना अधिसूचना प्रकाशित किए आयोजित कर दिया गया, जिसे न्यायालय में चुनौती दी गई है।
न्यायालय के आदेश की अनदेखी
IMA Maharashtra ने यह भी कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों का पालन नहीं कर रही। न्यायालय ने साफ कहा है कि डॉक्टरों की पदोन्नति प्रक्रिया में आरक्षण लागू करना गैरकानूनी है। इसके बावजूद सरकार ने आदेश की अवहेलना की है, जो कि न्यायालय की अवमानना के दायरे में आता है।
साथ ही, “UG Bond Policy” को लेकर भी सरकार की लापरवाही सामने आई है। उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद इस नीति का पालन नहीं किया गया।
योग्य डॉक्टरों के साथ अन्याय
IMA Maharashtra Protest: IMA का मत है कि मेडिकल ऑफिसरों की पदोन्नति में आरक्षण लागू करने से योग्य और वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ सीधा अन्याय हो रहा है। यह न केवल वरिष्ठता की अवहेलना है, बल्कि डॉक्टरों की मेहनत और सेवा का भी अपमान है।
डॉक्टरों का मानना है कि पदोन्नति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और योग्यता आधारित होनी चाहिए।
आंदोलन को मिला व्यापक समर्थन
IMA Maharashtra के इस शांतिपूर्ण आंदोलन को कई अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया है। इनमें शामिल हैं:
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Maharashtra State Medical Teachers Association
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Maharashtra Government Medical Officers Association
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MARD (Maharashtra Association of Resident Doctors)
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MGMS
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AMS
इन संगठनों ने साफ कहा है कि आंदोलन का उद्देश्य केवल सरकार पर दबाव डालकर मांगों को पूरा कराना है, न कि जनता को असुविधा पहुँचाना।
सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति | IMA Maharashtra Protest
IMA Maharashtra का कहना है कि उन्होंने सरकार को बार-बार अपनी मांगें बताईं और कई बार पत्राचार भी किया। इसके बावजूद सरकार की ओर से केवल आश्वासन मिला, लेकिन अमल नहीं हुआ। यही कारण है कि अब डॉक्टर आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं।
IMA Maharashtra Protest: डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा। ऐसी स्थिति में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
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डॉक्टरों की तीन मुख्य मांगे
IMA Maharashtra ने राज्य सरकार से तीन प्रमुख मांगे रखी हैं:
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5 नवंबर 2017 की अधिसूचना तत्काल लागू की जाए।
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माननीय न्यायालय के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाए।
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मेडिकल ऑफिसरों की पदोन्नति प्रक्रिया पारदर्शी और वरिष्ठता आधारित बनाई जाए।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारी
इस बैठक में कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। इनमें शामिल थे:
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डॉ. राजेश डांडगे (अध्यक्ष, IMA नागपुर)
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डॉ. निलेश साव (मा. सचिव, IMA नागपुर)
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डॉ. अशोक अजमेरा
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डॉ. देशमुख
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डॉ. देशपांडे
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डॉ. बंड
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डॉ. दिवाकर
निष्कर्ष
IMA Maharashtra का यह आंदोलन सरकार को चेतावनी है कि डॉक्टर अब केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे। उनकी मांगें पूरी तरह व्यावहारिक और न्यायसंगत हैं। अगर सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती तो इसका सीधा असर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा और जनता को होने वाली असुविधा के लिए सरकार जिम्मेदार ठहराई जाएगी।