मुंबई में पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम स्टारमर की बैठक: भारत-यूके संबंधों में नई गति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केइर स्टारमर ने मुंबई में एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें भारत-यूके रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा, रक्षा और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को और अधिक प्रगाढ़ करने पर विचार-विमर्श किया। यह बैठक इस बात का संकेत है कि दोनों देशों की सरकारें भविष्य में आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और पीएम स्टारमर ने व्यापार और निवेश के अवसरों पर गहन चर्चा की। भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) के तहत दोनों देशों की कंपनियों को अधिक सहयोग, निवेश और बाजार विस्तार के अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री स्टारमर ने इस अवसर पर कहा कि यह सबसे बड़ी व्यापार मिशन है जो ब्रिटेन ने भारत भेजी है। उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक साझेदारी को “वास्तव में महत्वपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
बैठक के बाद दोनों प्रधानमंत्री सीईओ फोरम में भी शामिल हुए, जहाँ उन्होंने उद्योगपतियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों से चर्चा की। इस मंच पर दोनों देशों के व्यवसायिक क्षेत्र को विस्तार और निवेश की दिशा में नए अवसर प्राप्त होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत में रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी और स्टारमर ने मुंबई में आयोजित छठवें ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भाग लिया और मुख्य भाषण दिया। इस फेस्टिवल में फिनटेक उद्योग के नवाचार, डिजिटल भुगतान, और वित्तीय तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के व्यवसायिक दृष्टिकोण साझा किए गए। दोनों नेताओं ने वित्तीय क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।
बैठक और फिनटेक फेस्ट के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को भी चर्चा में रखा। आधुनिक तकनीक और खुफिया साझेदारी के माध्यम से दोनों देश अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहयोग दोनों देशों की सुरक्षा, व्यापार और तकनीकी विकास के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन की साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक, तकनीकी और रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। पीएम स्टारमर ने भी इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की जनता और व्यवसायियों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
इस बैठक का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू यह है कि भारत-यूके निवेश और व्यापार में नई योजनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच डिजिटल और तकनीकी साझेदारी में उल्लेखनीय प्रगति हो सकती है।
संक्षेप में कहा जाए तो मुंबई में पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम केइर स्टारमर की यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई दिशा देने वाली साबित होगी। इससे न केवल निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच स्थायी और भरोसेमंद साझेदारी भी स्थापित होगी।