नागपुर। Nagpur Mominpura Protest: कानपुर, उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए “I ❤️ Love Mohammad” बैनर विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। इसी विवाद के विरोध में रविवार को नागपुर के मोमिनपुरा क्षेत्र में एक बड़ा आंदोलन आयोजित किया गया। इस आंदोलन का नेतृत्व नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष वसीम खान ने किया। आंदोलन में कई राजनीतिक दलों के नेताओं, समाजसेवकों और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
वेब स्टोरी:
आंदोलन का कारण
कानपुर में “I ❤️ Love Mohammad” लिखे बैनर को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, जिसके बाद कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसे मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला बताया। नागपुर के प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि इस विवाद ने अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।

Nagpur Mominpura Protest: नारे और माहौल
आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी की। “I ❤️ Love Mohammad” और “हमारा सब कुछ नबी पर कुर्बान है” जैसे नारे गूंजते रहे। इस दौरान माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लोगों ने अपनी नाराजगी और विरोध स्पष्ट शब्दों में दर्ज कराया।
वसीम खान का संबोधन
Nagpur Mominpura Protest: आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वसीम खान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:
“भारत का संविधान हर धर्म को अपने-अपने ईश्वर, देवता और नबी की पूजा करने का अधिकार देता है। हमारे नबी ने पूरी दुनिया को इंसानियत और भाईचारे का पैगाम दिया है। वे सारे जहान के लिए रहमत बनकर आए। इस तरह की नफरत और विवाद हम हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी रूप में नबी के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की गई तो समुदाय इसे सहन नहीं करेगा। “हमारा सब कुछ नबी पर कुर्बान है। कृपया इस तरह की नफरत फैलाने से बचें,” उन्होंने कहा।
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सभी दलों की मौजूदगी
Nagpur Mominpura Protest: आंदोलन की सबसे खास बात यह रही कि इसमें सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि कई अन्य दलों के नेता और समाजसेवक भी शामिल हुए। इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि धार्मिक सौहार्द और आपसी सम्मान किसी एक राजनीतिक दल की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
सामाजिक एकता का संदेश
सभा में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि किसी भी प्रकार का धार्मिक विवाद समाज में नफरत को बढ़ाता है और इसका सीधा असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। नागपुर मोमिनपुरा का यह आंदोलन शांति और एकजुटता का प्रतीक बनकर सामने आया, जिसमें लोगों ने सामूहिक रूप से नफरत के खिलाफ आवाज बुलंद की।

प्रशासन की सतर्कता
इस आंदोलन को देखते हुए नागपुर पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट पर रहा। आंदोलन शांतिपूर्ण रहा और प्रशासन ने इसे नियंत्रित माहौल में संपन्न कराया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
नागपुर मोमिनपुरा में हुआ यह आंदोलन साफ संदेश देता है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े मुद्दों पर समाज संवेदनशील है और किसी भी प्रकार की नफरत या विवाद को सहन नहीं करेगा। यह आंदोलन केवल एक विरोध नहीं था, बल्कि धार्मिक एकता, सम्मान और इंसानियत का पैगाम भी था।