नागपुर।
नागपुर का ऐतिहासिक फूटाला तालाब, जो लगभग 200 वर्ष पुराना है और भोंसले शासकों की धरोहर माना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शाम की चहल-पहल के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। लगभग 60 एकड़ क्षेत्र में फैले और 20 से 100 फीट गहरे इस तालाब को और भव्य स्वरूप देने का सपना वर्ष 2015 में बुना गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यहाँ देश का सबसे लंबा फ्लोटिंग म्यूजिकल फव्वारा स्थापित किया जाना था।
Nagpur News: इस परियोजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई थी। तकनीकी सलाह IIT मुंबई से ली गई और विशेष अल्गे-रोधी तारों सहित अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। परंतु शुरुआत से ही इस परियोजना को कई अड़चनों का सामना करना पड़ा। तालाब की मछलियों और अन्य जलीय जीवों ने उन महंगी तारों को नुकसान पहुँचा दिया, जिनकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये बताई जाती है।
Nagpur News: फव्वारे के साथ-साथ यहाँ दर्शकों के लिए शानदार बैठने की व्यवस्था और करोड़ों की लागत से विशाल पार्किंग भी तैयार की गई। लेकिन इस पार्किंग के लिए 500 से अधिक पेड़ काटे गए, जिससे स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। मामला अदालत तक भी पहुँचा, लेकिन न पेड़ बच पाए और न ही यह परियोजना अपने पूरे स्वरूप में साकार हो पाई।
आज हालत यह है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद यह म्यूजिकल फव्वारा अधूरा ही पड़ा है। यह योजना, जो कभी नागपुर शहर की शान बढ़ाने का सपना थी, अब उपेक्षा और निराशा की कहानी बन चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब की पुरानी रौनक तो कहीं खो ही गई, साथ ही अधूरी परियोजना जनता के विश्वास पर भी सवाल खड़े करती है।