🔔 नोटिस : इंटर्नशिप का सुनहरा अवसर. पत्रकार बनना चाहते हैं, तो राष्ट्रभारत से जुड़ें. — अपना रिज़्यूमे हमें digital@rashtrabharat.com पर भेजें।

नागपुर में बाबा साहब अंबेडकर अनुयायियों का स्थायी स्थल के लिए अनशन, प्रशासन ने किया अतिक्रमण हटाने का कार्य

अक्टूबर 16, 2025

नागपुर में बाबा साहब अंबेडकर अनुयायियों का स्थायी स्थल हेतु अनशन

नागपुर के जरिपटका पुलिस थाना क्षेत्र में बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायियों द्वारा स्थायी स्थल की मांग को लेकर अनशन प्रदर्शन किया गया। इस अनशन का मुख्य उद्देश्य था कि नगर में उनके आदर्श नेता बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर एक निश्चित स्थायी स्थल अलॉट किया जाए, जहाँ समुदाय नियमित रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर सके।

अनशन स्थल पर पहुंची नगर प्रशासन की टीम ने पाया कि अनुयायी जिस स्थान पर बैठे थे, वह किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति है। अतिक्रमण मानते हुए प्रशासन ने वहाँ से हटाने का निर्णय लिया। नागपुर नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली टीम के साथ-साथ विशेष पुलिस बल एवं भारी पुलिस बंदोबस्त मौके पर तैनात किया गया।

प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव

जैसे ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की, वहाँ उपस्थित दलित समुदाय के लोगों और अधिकारियों के बीच विवाद बढ़ गया। प्रदर्शनकारी जोर देकर कह रहे थे कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे अनशन नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि कम से कम बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जाए।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को मजबूरन हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें अनशन स्थल से हटाया गया। इस प्रक्रिया में हल्का तनाव उत्पन्न हुआ, लेकिन पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की सतर्कता के कारण किसी भी तरह की हिंसा या बड़े घटना से बचा गया।

स्थायी स्थल की आवश्यकता और सामाजिक महत्व

अनुयायियों का कहना है कि बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायी समाज में सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उनका यह अनुरोध केवल धार्मिक या सांस्कृतिक केंद्र की मांग नहीं, बल्कि उनके समाजिक अधिकारों और पहचान की रक्षा का प्रतीक भी है।

स्थायी स्थल मिलने से स्थानीय दलित समुदाय को विभिन्न कार्यक्रमों और सामाजिक सभाओं के आयोजन में सुविधा होगी। इसके साथ ही यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और समाज में भाईचारे एवं समानता के संदेश को मजबूत करेगा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

नगर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि निजी संपत्ति पर किसी भी प्रकार का कब्जा अतिक्रमण के अंतर्गत आता है और इसे हटाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन अनुयायियों की मांगों का सम्मान करता है और वे जल्द ही वैकल्पिक स्थायी स्थल प्रदान करने पर विचार करेंगे।

नगर निगम के अधिकारी ने कहा, “हम पूरी कोशिश करेंगे कि समुदाय के लिए उचित और सुरक्षित स्थल उपलब्ध कराया जाए। हमारी प्राथमिकता सभी नागरिकों के हितों की सुरक्षा करना है।”

भविष्य की दिशा

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सामाजिक आंदोलनों और अधिकारों के लिए संघर्ष कभी-कभी प्रशासन और समुदाय के बीच तनाव का कारण बन सकता है। हालांकि बातचीत और उचित समाधान से ऐसे विवादों को शांति पूर्ण ढंग से हल किया जा सकता है। नागपुर नगर प्रशासन और अनुयायी अब आपसी समझ के आधार पर स्थायी स्थल के लिए चर्चा करेंगे।


Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Breaking