नागपुर जिले के काटोल और कलमेश्वर तालुका में किसानों की मेहनत और आधुनिक तकनीकों से फल उत्पादन को नई दिशा मिल रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, फलोत्पादन एवं क्षार भूमि विकास मंत्री भरत गोगावले ने इन क्षेत्रों के प्रगतिशील किसानों के फल बागानों का दौरा किया। उन्होंने किसानों की बागवानी तकनीकों को करीब से देखा और उनकी उन्नति के लिए मार्गदर्शन भी दिया।
मंत्री गोगावले ने कलमेश्वर तालुका के कोहली गांव और काटोल तालुका के हातला गांव में स्थित विभिन्न फल बागानों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से सीधे बातचीत करके उनकी समस्याओं को सुना और समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। यह दौरा किसानों के हौसले को बढ़ाने और फल उत्पादन को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मंत्री के साथ उपस्थित रहे कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी
इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान मंत्री भरत गोगावले के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे। इनमें डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. शरद गडाख, वसंतराव नाईक शेतकरी स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष निलेश हेलोंडे पाटील, फलोत्पादन विभाग के संचालक अंकुश माने शामिल थे। इसके अलावा विभागीय कृषि सहसंचालक उमेश घाटगे, नागपुर जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी रविंद्र मनोहरे, अनुसंधान संचालक डॉ. शामसुंदर माने भी साथ थे।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. देवानंद पंचभाई, प्रादेशिक फल अनुसंधान केंद्र वंडली की प्रमुख डॉ. मेघा डहाळे, विभाग प्रमुख डॉ. विनोद राऊत तथा मनोज जवंजाल सहित फलोत्पादन और कृषि विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस निरीक्षण यात्रा में भाग लिया। इतने बड़े स्तर पर अधिकारियों की उपस्थिति से किसानों में नया उत्साह देखने को मिला।

कोहली गांव में भाऊसाहेब फुंडकर योजना के लाभार्थी बाग का निरीक्षण
मंत्री गोगावले ने सबसे पहले कृषि विभाग की भाऊसाहेब फुंडकर फल बाग योजना के अंतर्गत कोहली गांव में लाभार्थी सुषमा सुभाषराव वानखडे के फल बाग का दौरा किया। यह योजना किसानों को फल उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करती है। सुषमा वानखडे ने अपने बाग में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बेहतरीन संतरा उत्पादन शुरू किया है।
मंत्री ने यहां इंडो-इजराइल पद्धति से संतरा उत्पादन की जानकारी ली। यह तकनीक पानी की बचत और उच्च गुणवत्ता वाले फलों के उत्पादन में काफी प्रभावी मानी जाती है। इसके अलावा उन्होंने बेंडिंग तकनीक के बारे में भी जानकारी हासिल की, जो पौधों को सही आकार देने और अधिक फल उत्पादन में मदद करती है।
रोटावेटर और जैविक खाद के उपयोग पर चर्चा
मंत्री गोगावले ने किसानों से रोटावेटर के उपयोग और खरपतवार नाशकों के न्यूनतम प्रयोग के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि रासायनिक खरपतवार नाशकों का कम से कम उपयोग करना पर्यावरण और मिट्टी की सेहत के लिए जरूरी है। इससे लंबे समय में मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
जैविक खाद के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। मंत्री ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जैविक तरीकों से उगाए गए फलों की बाजार में अधिक मांग है और किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
हातला गांव में आधुनिक फल बागानों का अवलोकन
काटोल तालुका के हातला गांव में मंत्री ने अन्य प्रगतिशील किसानों के फल बागानों का भी निरीक्षण किया। यहां के किसानों ने ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाया है, जिससे पानी की बचत होती है और फलों की गुणवत्ता भी बेहतर रहती है। मंत्री ने किसानों की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसी तकनीकें अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
हातला गांव के किसानों ने संतरा, मौसंबी और अन्य फलों की खेती में नवीनतम तरीकों का इस्तेमाल किया है। मंत्री ने इन बागानों में कीट प्रबंधन और रोग नियंत्रण के उपायों की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एकीकृत कीट प्रबंधन से रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता कम होती है और उत्पादन लागत भी घटती है।
किसानों को मिला सीधा मार्गदर्शन
इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि किसानों को कृषि विशेषज्ञों और अधिकारियों से सीधे बातचीत करने का मौका मिला। कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने किसानों को फल उत्पादन की नई तकनीकों, बीमारियों की रोकथाम और बाजार संबंधी जानकारी दी। इससे किसानों को अपनी समस्याओं का तुरंत समाधान मिला और वे नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित हुए।
मंत्री गोगावले ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार फल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी, तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नर्सरी का भी किया निरीक्षण
मंत्री ने दौरे के दौरान स्थानीय फल नर्सरियों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां तैयार किए जा रहे पौधों की गुणवत्ता और उनकी देखभाल की जानकारी ली। गुणवत्तापूर्ण पौधों की उपलब्धता फल उत्पादन की सफलता की पहली सीढ़ी है। मंत्री ने नर्सरी संचालकों को गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
फल उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की आय
महाराष्ट्र सरकार फल उत्पादन को प्राथमिकता दे रही है क्योंकि इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। संतरा, मौसंबी जैसे फलों की अच्छी बाजार मांग है और किसानों को उचित दाम मिलते हैं। मंत्री गोगावले ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है और फल उत्पादन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पारंपरिक खेती के साथ-साथ फल उत्पादन को भी अपनाएं। इससे उन्हें साल भर आय का स्रोत मिलेगा और आर्थिक स्थिरता आएगी। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कम लागत में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं।
आगे की योजनाएं
मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में फल उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदर्शन भ्रमण और आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया जाएगा। फल प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए भी सहायता दी जाएगी, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सके।
इस दौरे से नागपुर जिले के किसानों में नई उम्मीद जगी है। वे अब आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपने फल उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।