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तेंदुए के हमले में घायल लोगों से मिले मुख्यमंत्री फडणवीस, अस्पताल में ली स्वास्थ्य की जानकारी

Devendra Fadnavis Hospital Visit: नागपुर में घायलों से की मुलाकात, दिए अहम निर्देश
Devendra Fadnavis Hospital Visit: नागपुर में घायलों से की मुलाकात, दिए अहम निर्देश
नागपुर के पारडी क्षेत्र में तेंदुए के हमले में घायल सात लोगों से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भवानी अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने घायलों का हालचाल पूछा और डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग और प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश देते हुए नागरिकों से भी सावधानी बरतने की अपील की।
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नागपुर शहर के पारडी इलाके में हाल ही में हुए तेंदुए के हमले ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था। इस घटना में सात नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद पारडी स्थित भवानी अस्पताल का दौरा किया और घायल लोगों से मिलकर उनका हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने न केवल पीड़ितों से बात की बल्कि प्रशासन और वन विभाग को भी सख्त निर्देश जारी किए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

घटना का विवरण और हमले की परिस्थितियां

10 दिसंबर की रात नागपुर के घनी आबादी वाले पारडी क्षेत्र की शिवनगर बस्ती में अचानक एक तेंदुआ प्रकट हुआ। यह इलाका शहर के बीचोबीच स्थित है जहां रिहायशी मकान और दुकानें हैं। तेंदुए ने रिहायशी इलाके में घुसकर लोगों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से इलाके में भगदड़ मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

हमले में कुल सात लोग घायल हो गए जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे। घायलों को तुरंत स्थानीय निवासियों और पुलिस की मदद से पारडी के भवानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों को तेंदुए के पंजों और दांतों से गहरी चोटें आई थीं। अस्पताल के डॉक्टरों ने तत्काल उनका उपचार शुरू किया और उनकी स्थिति को स्थिर करने की कोशिश की।

Devendra Fadnavis Hospital Visit: नागपुर में घायलों से की मुलाकात, दिए अहम निर्देश
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मुख्यमंत्री का अस्पताल दौरा

घटना की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पारडी स्थित भवानी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती सभी घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने घायलों और उनके परिवार के सदस्यों से विस्तार से बातचीत की और उन्हें हिम्मत बंधाई।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल के डॉक्टरों से घायलों की चिकित्सकीय स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन को साफ निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएं और मरीजों की देखभाल में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रशासन और वन विभाग को मिले सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री फडणवीस ने अस्पताल से लौटने के बाद जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आखिर शहरी इलाके में तेंदुआ कैसे पहुंचा और क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पहले से कोई व्यवस्था नहीं थी।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिए कि वे नागपुर और आसपास के इलाकों में जंगली जानवरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने कहा कि रिहायशी इलाकों के आसपास जंगली जानवरों के आने की संभावना वाले स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि वन विभाग की रेस्क्यू टीमें हमेशा तैयार रहें ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

नागरिकों से की अपील

मुख्यमंत्री ने नागपुर के नागरिकों से भी अपील की कि वे सतर्क रहें और देर रात या सुबह के समय अकेले बाहर न निकलें, खासकर उन इलाकों में जो जंगलों या पहाड़ियों के करीब हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग या पुलिस को सूचित करें और खुद से निपटने की कोशिश न करें।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन और वन विभाग पूरी तरह से सतर्क हैं और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं

विशेषज्ञों के अनुसार, नागपुर जैसे शहरों में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं बढ़ने का मुख्य कारण शहरीकरण और जंगलों का घटता दायरा है। जैसे-जैसे शहर का विस्तार हो रहा है, जंगली जानवरों का प्राकृतिक आवास सिकुड़ता जा रहा है। भोजन और पानी की तलाश में ये जानवर शहरी इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं।

नागपुर जंगलों से घिरा हुआ शहर है और यहां तेंदुओं की अच्छी खासी आबादी है। पिछले कुछ वर्षों में शहर की सीमाओं का विस्तार तेजी से हुआ है जिससे जंगली जानवरों और मनुष्यों के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ गई है।

वन विभाग की तैयारियां

इस घटना के बाद वन विभाग ने पारडी और आसपास के इलाकों में विशेष निगरानी बढ़ा दी है। विभाग की रेस्क्यू टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं ताकि जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि यदि कोई जंगली जानवर दिखे तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

घायलों की मौजूदा स्थिति

अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों की स्थिति अब स्थिर है। उनके घावों का उपचार किया जा रहा है और उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। कुछ घायलों को गहरी चोटें आई हैं लेकिन उम्मीद है कि सभी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी और उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।

नागपुर में तेंदुए के हमले की यह घटना एक चेतावनी है कि शहरीकरण और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाना कितना जरूरी है। मुख्यमंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया और घायलों से मुलाकात ने यह दिखाया कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और वन विभाग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।