खासदार सांस्कृतिक महोत्सव 2025’ — संस्कृति, श्रद्धा और संगीत का अनुपम संगम
नागपुर में एक बार फिर से भारतीय संस्कृति, कला, संगीत और अध्यात्म का भव्य संगम देखने को मिलेगा।
7 नवम्बर 2025 से प्रारम्भ होने जा रहा ‘खासदार सांस्कृतिक महोत्सव 2025’ इस वर्ष अपने दसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
यह महोत्सव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की प्रेरणा और संकल्पना से आरम्भ हुआ था, जो आज नागपुर की पहचान बन चुका है।
उद्घाटन समारोह: संस्कृति के आंगन में दिव्यता का प्रस्फुटन
इस वर्ष का उद्घाटन समारोह 7 नवम्बर की सायं 6:30 बजे नागपुर के रेशीमबाग मैदान में संपन्न होगा।
इस अवसर पर स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज के करकमलों से दीपप्रज्वलन होगा,
साथ ही प्रसिद्ध लेखक, निर्देशक और ‘चाणक्य’ जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक के निर्माता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
उद्घाटन के पश्चात रंगमंच पर अभिनेता आशुतोष राणा अभिनीत नाट्य प्रस्तुति ‘हमारे राम’ मंचित की जाएगी,
जो भारतीय आदर्शों और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन संदेश को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत करेगी।
संगीत की सुरमयी संध्या: गूंजेंगे सुर, राग और ताल
महोत्सव की शुरुआत के अगले ही दिन से संगीत की महफिलें सजेगीं।
8 नवम्बर से 18 नवम्बर तक प्रतिदिन संध्या सत्र में देश के नामचीन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे।
इनमें विशाल मिश्रा, अखिल सचदेवा, रेखा भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, श्रेया घोषाल, शंकर महादेवन और समापन दिवस पर अजय-अतुल शामिल होंगे।
इन प्रस्तुतियों में भक्ति, सूफी, शास्त्रीय और आधुनिक संगीत का अनूठा मेल दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।
हर संध्या को संगीत, प्रकाश और भावना का संगम रूपी यह आयोजन, नागपुर की सांस्कृतिक धारा को और सशक्त करेगा।
विशेष कार्यक्रम: परंपरा और नवाचार का अद्भुत संगम
इस 12 दिवसीय पर्व में केवल संगीत ही नहीं, बल्कि हँसी, कला, साहित्य और अध्यात्म का भी समावेश रहेगा।
‘फ्यूजन’ में संगीत और नृत्य का आधुनिक मेल होगा,
‘महाराष्ट्राची हास्य जत्रा’ में हास्य कलाकार अपनी वाणी से दर्शकों को गुदगुदाएँगे,
‘राष्ट्रसंतांची जीवनगाथा’ जैसे आध्यात्मिक नाट्य प्रस्तुति संतों के जीवन आदर्शों को उजागर करेगी,
वहीं ‘मिट्टी के रंग’ कार्यक्रम भारत की लोकसंस्कृति और ग्रामीण कला को मंच प्रदान करेगा।
‘जागर भक्ति का’ — गीता पाठ से गूंजेगा वातावरण
15 नवम्बर की प्रातःकाल एक अनूठा आध्यात्मिक आयोजन होगा —
‘जागर भक्ति का’, जिसमें लगभग 50 हजार विद्यार्थी सामूहिक रूप से श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करेंगे।
यह आयोजन न केवल अध्यात्म का प्रसार करेगा, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन: शब्दों का उत्सव
उसी दिन सायं आयोजित होगा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन,
जहाँ देश के प्रसिद्ध कवि अपनी वाणी से समाज, संस्कृति, राष्ट्र और प्रेम के भावों को शब्दों में पिरोएँगे।
यह सम्मेलन साहित्यप्रेमियों के लिए एक अमूल्य अवसर होगा।
प्रवेश व्यवस्था: आमजन के लिए निःशुल्क आनंदोत्सव
महोत्सव में प्रवेश पूर्णतः निशुल्क रहेगा।
दर्शक केवल वेबसाइट पर दिए गए QR कोड को स्कैन कर ऑनलाइन पास प्राप्त कर सकते हैं।
यह व्यवस्था इस आयोजन को सर्वसुलभ और जनसंपृक्त बनाती है।
नागपुर की पहचान बन चुका है यह महोत्सव
‘खासदार सांस्कृतिक महोत्सव’ अब केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि नागपुर की आत्मा बन चुका है।
यह वह मंच है जहाँ कला, संगीत, धर्म, और समाज के सभी आयाम एक साथ जीवंत होते हैं।
हर वर्ष यह महोत्सव नागपुरकरों को सांस्कृतिक समृद्धि की अनुभूति कराता है और देशभर से आए आगंतुकों को भारतीय संस्कृति के दिव्य दर्शन कराता है।
नागपुर में 7 नवम्बर से 18 नवम्बर 2025 तक होने वाला यह महोत्सव
भक्ति, संगीत, कला और संस्कृति के एक विराट संगम के रूप में स्मरणीय रहेगा।
यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि “संस्कृति के माध्यम से समाज-निर्माण” का एक जीवंत प्रयास है।