नागपुर। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हिंदुत्व का मुद्दा गरमा गया है। शिवसेना के मुख्य नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देश के गृहमंत्री अमित शाह के बचाव में उतरते हुए उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला है। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के असली चेहरे को सबके सामने लाते हुए उनके बनावटी हिंदुत्व का पर्दाफाश किया है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने प्रेस के जरिए अमित शाह को निशाना बनाते हुए उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाया था। उद्धव ठाकरे के इन आरोपों का करारा जवाब देते हुए एकनाथ शिंदे ने उनके झूठे हिंदुत्व के असली चेहरे को सबके सामने उजागर कर दिया।
सत्ता के लिए बालासाहेब के विचार छोड़ दिए
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने सत्ता की लालच में बालासाहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ दिया, उन्हें हिंदुत्व सिखाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अमित शाह और आरएसएस सच्चे देशभक्त हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमित शाह और हम सब मिलकर देश की सेवा में लगे हुए हैं। उनके नेतृत्व में देश आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है।
अयोध्या राम मंदिर और धारा 370 का जिक्र
शिंदे ने आगे कहते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, जो बालासाहेब ठाकरे का सपना था। कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया, यह भी बालासाहेब का सपना था। ऐसे में उद्धव ठाकरे को इस बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने तो सत्ता के लिए अपने पिता के सिद्धांतों को भी ताक पर रख दिया। एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे के मन में जलन है कि एक सामान्य कार्यकर्ता कैसे मुख्यमंत्री बन गया।
मुंबई की लूट और घोटाले
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के कार्यकाल पर हमला बोलते हुए कहा कि मुंबई की असली लूट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुई। उनके शासनकाल में बॉडी बैग घोटाला, खिचड़ी घोटाला और कोविड सेंटर घोटाला जैसे कई घोटाले सामने आए। यह सब उन्हीं के शासनकाल में हुए। लोगों ने मुंबई की इस लूट को देखा है और वे सब कुछ जानते हैं। ऐसे लोगों को हिंदुत्व पर बोलने का कोई हक नहीं बनता।
याकूब मेमन की कब्र सजाने वालों को कोई अधिकार नहीं
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को घेरते हुए एक और बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने याकूब मेमन की कब्र सजाई, उन्हें हिंदुत्व पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी इकबाल मुसा उनका लोकसभा चुनाव प्रचार कर रहा था। क्या ऐसे लोगों को हिंदुत्व सिखाने की नैतिकता है? हिंदुत्व के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ इंपीचमेंट लाना, यह कौन सा हिंदुत्व है?
जस्टिस स्वामीनाथन मामला
शिंदे ने जस्टिस स्वामीनाथन पर इंपीचमेंट लाने के मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जस्टिस स्वामीनाथन जैसे न्यायाधीश के खिलाफ इंपीचमेंट लाया, वे हिंदुत्व की बात करने वाले कौन होते हैं। उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व केवल दिखावे का है, असली नहीं। उनका हिंदुत्व केवल सत्ता पाने के लिए है, देश और धर्म की सेवा के लिए नहीं।
किसानों के साथ खड़ी है सरकार
एकनाथ शिंदे ने किसानों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ सरकार पूरी तरह से खड़ी है। किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सरकार की तरफ से किसानों को हर संभव मदद दी जा रही है। हमने किसानों को सीधे डीबीटी के तहत उनके बैंक खातों में पैसे भेजे हैं। किसानों की समस्याओं को हल करना हमारी प्राथमिकता है और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
लाडली बहना योजना की प्रतिबद्धता
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लाडली बहना योजना पर अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि लाडली बहनों के लिए हम योजना लाए हैं और उसका अमल हम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। जो 2100 रुपए देने की बात हम कर रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है और सरकार इसे लागू करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी।
महायुति एक साथ लड़ेगी चुनाव
एकनाथ शिंदे ने स्थानीय चुनावों को लेकर अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि आने वाले महानगरपालिका के चुनाव महायुति एक साथ लड़ेगी। महायुति गठबंधन में सभी दल एकजुट हैं और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र की जनता की सेवा करना है और विकास के काम को आगे बढ़ाना है। महायुति की एकता बरकरार है और हम सब मिलकर जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
राजनीतिक संदेश
एकनाथ शिंदे के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों का असली चेहरा क्या है। उद्धव ठाकरे पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इससे उनकी छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एकनाथ शिंदे ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि असली हिंदुत्व वही है जो बालासाहेब ठाकरे ने सिखाया था, न कि सत्ता के लिए समझौता करने वाला हिंदुत्व।
इस पूरे प्रसंग में यह भी देखने वाली बात है कि अमित शाह के बचाव में उतरकर एकनाथ शिंदे ने यह साबित कर दिया है कि महायुति गठबंधन मजबूत है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के आरोपों को न केवल खारिज किया बल्कि उनके खिलाफ पलटवार भी किया। यह राजनीतिक लड़ाई आने वाले दिनों में और भी तेज होने की संभावना है।