नागपुर में पत्नी की हत्या: ईर्ष्या ने लिया खौफनाक रूप, पति ने फावड़े से की वारदात
नागपुर, 27 अक्टूबर (एजेंसी):
महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में रविवार को एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की फावड़े से हत्या कर दी। कारण था – पत्नी का अपने पुराने प्रेमी से बात करना। यह घटना मानव संबंधों में उभरती ईर्ष्या और गुस्से के विनाशकारी परिणामों की भयावह मिसाल बन गई है।
पति ने देखा पत्नी को पुराने प्रेमी से बात करते हुए
मिडीसी (MIDC) थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले किशोर प्रधान (31 वर्ष), जो एक गैराज में काम करता है, की शादी लगभग तीन वर्ष पूर्व हुई थी। उसकी पत्नी की उम्र मात्र 23 वर्ष थी। पुलिस के अनुसार, पत्नी कुछ समय पहले अपने पुराने प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी। परिवार और समाज के दबाव के बाद वह वापस लौटी और पति से माफी मांगी।
लेकिन रविवार को जब किशोर ने उसे उसी प्रेमी से दोबारा बातचीत करते हुए देखा, तो उसके अंदर का क्रोध बेकाबू हो गया। वह घर गया, और गुस्से में फावड़ा उठाकर अपनी पत्नी पर वार कर दिया।
मौके पर ही हुई महिला की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, हमले के बाद महिला की मौके पर ही मौत हो गई। यह वारदात इतनी निर्मम थी कि आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस दल मौके पर पहुंचा और किशोर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
MIDC पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या (IPC की धारा 302) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वारदात पूर्वनियोजित थी या क्षणिक आवेश में हुई। इसके साथ ही, मृतका के परिजनों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।
पड़ोसियों और स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पड़ोसी बताते हैं कि पति-पत्नी के बीच पिछले कुछ दिनों से झगड़े बढ़ गए थे। हालांकि किसी ने यह नहीं सोचा था कि बात इतनी आगे बढ़ जाएगी कि जान लेने की नौबत आ जाएगी।
स्थानीय महिलाओं ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “गुस्से और शक ने एक और परिवार को बर्बाद कर दिया।”
सामाजिक दृष्टिकोण से बढ़ती घरेलू हिंसा
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ सिर्फ क्रोध का परिणाम नहीं बल्कि सामाजिक मानसिकता की भी झलक हैं।
भारत में घरेलू हिंसा और वैवाहिक अविश्वास के मामलों में वृद्धि हो रही है। समाज में संवाद और भावनात्मक परामर्श की कमी ऐसी त्रासदियों को जन्म देती है।
जरूरत है कि ऐसे दंपतियों को परामर्श और सहयोग मिले ताकि संबंधों को हिंसा से बचाया जा सके।
परिवार में पसरा मातम
मृतका के परिवार ने मांग की है कि आरोपी को कठोर सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि “हमारी बेटी ने गलती मान ली थी, लेकिन उसे दूसरा मौका नहीं मिला।”
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की विस्तृत रिपोर्ट जल्द अदालत में पेश की जाएगी।
नागपुर की यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों में संवाद और विश्वास की कमी से पैदा हुई एक सामाजिक त्रासदी है। एक पल का आवेश, एक गलत निर्णय, और एक जीवन समाप्त — अब न केवल एक परिवार बल्कि पूरा समाज इस दर्दनाक घटना से सबक ले सकता है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।