Nagpur Congress Committee: नागपुर ग्रामीण कांग्रेस में संगठनात्मक शिथिलता पर प्रश्नचिह्न
नागपुर ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अंतर्गत हाल ही में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों की तैयारियों को लेकर उत्पन्न विवाद ने पार्टी संगठन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ने इस संदर्भ में नाराज़गी जताते हुए जिला इकाई को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश कांग्रेस को मिली शिकायत
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के टिलक भवन, मुंबई से जारी पत्र के अनुसार, प्रदेश कार्यालय को यह शिकायत प्राप्त हुई है कि नागपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी की जिला निवड मंडल (चयन समिति) की बैठक अब तक आयोजित नहीं की गई है। यह बैठक नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के उम्मीदवारों के चयन के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती है।
प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ के निर्देश
पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि प्रदेशाध्यक्ष श्री हर्षवर्धन सपकाळ के निर्देशानुसार यह सूचना दी जा रही है कि यदि जिला निवड मंडल की बैठक नहीं होती है, तो राज्य निवड मंडल की आगामी बैठक में नागपुर जिले के उम्मीदवारों के नामों पर कोई चर्चा नहीं की जा सकेगी।
यह चेतावनी पार्टी संगठन के अनुशासन और चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता को दर्शाती है।
बुधवार को अनिवार्य रूप से बैठक बुलाने के आदेश
राज्य कार्यालय ने निर्देश दिया है कि बुधवार, दिनांक 12 नवम्बर 2025 को अनिवार्य रूप से जिला निवड मंडल की बैठक बुलाई जाए।
इस बैठक में जिला प्रभारी, विधानसभा प्रभारी और समिति के सभी सदस्यों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक के दौरान स्थानीय निकाय चुनावों के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की जाएगी और सभी संबंधित प्रस्ताव राज्य निवड मंडल को भेजे जाएंगे।
गुरुवार तक रिपोर्ट भेजने का आदेश
Nagpur Congress Committee: प्रदेश कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैठक समाप्त होने के बाद गुरुवार, 13 नवम्बर 2025 को दोपहर 12:30 बजे तक बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट राज्य कार्यालय को भेजी जाए।
इस आदेश से यह स्पष्ट है कि प्रदेश नेतृत्व अब संगठनात्मक लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
कांग्रेस संगठन में अनुशासन की पुकार
इस घटनाक्रम से यह संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र कांग्रेस अपने निचले स्तर के संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने के प्रयास में है।
स्थानीय इकाइयों में संवाद और समयबद्ध कार्रवाई को लेकर प्रदेश नेतृत्व सख्त रूख अपनाता दिखाई दे रहा है।
आगामी नगर परिषद चुनावों पर प्रभाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नागपुर ग्रामीण कांग्रेस में संगठनात्मक सक्रियता की कमी पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।
यदि समिति बैठकों में देरी होती है, तो उम्मीदवारों के चयन में पारदर्शिता और तालमेल की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे विपक्षी दलों को बढ़त मिल सकती है
प्रदेश कांग्रेस की यह चेतावनी न केवल संगठनात्मक अनुशासन को पुनर्स्थापित करने का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब पार्टी स्थानीय इकाइयों की लापरवाही को नज़रअंदाज़ नहीं करेगी।
आगामी चुनावों में कांग्रेस की प्रतिष्ठा और रणनीतिक तैयारी, ऐसे निर्णयों के पालन पर ही निर्भर करेगी।