नागपुर हाईकोर्ट का आदेश: बच्चू कडू और समर्थकों को सड़क खाली करने के निर्देश
नागपुर की बॉम्बे हाईकोर्ट बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बच्चू कडू और उनके समर्थकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि आंदोलनकारियों को नागपुर हाईवे से शाम 6 बजे तक सड़क खाली करनी होगी, अन्यथा पुलिस को कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
याचिका की सुनवाई में क्या हुआ
सुनवाई के दौरान अदालत ने नागपुर सिटी पुलिस कमिश्नर, नागपुर कलेक्टर, एडीजी हाईवे ट्रैफिक और बेलतरोडी पुलिस स्टेशन अधिकारी को नोटिस जारी किया। नोटिस में पूछा गया कि सार्वजनिक मार्ग पर अवरोध क्यों डाला गया और प्रशासन ने इसे हटाने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़कें आम जनता की सुविधा के लिए हैं, और किसी भी प्रकार का अवरोध जनहित के खिलाफ है।
अदालत का सख्त रुख
न्यायमूर्ति एस.एम. मोडक और न्यायमूर्ति एम.डी. भाटकर की खंडपीठ ने कहा कि “कानून के दायरे में रहकर आंदोलन करना नागरिकों का अधिकार है, लेकिन किसी भी स्थिति में सार्वजनिक जीवन को बाधित करना उचित नहीं है।”
कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर निर्धारित समय तक सड़क नहीं खाली की गई, तो प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी होगी।
प्रशासन की जिम्मेदारी तय
अदालत ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि वे शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखें। किसी भी प्रकार की हिंसा या टकराव से बचते हुए स्थिति को नियंत्रित करें।
इसके साथ ही कोर्ट ने प्रशासन से यह रिपोर्ट देने को कहा कि हाईवे पर जाम हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए और क्या सभी प्रदर्शनकारी निर्दिष्ट स्थल पर स्थानांतरित हुए हैं।
बच्चू कडू का रुख
जनप्रतिनिधि बच्चू कडू और उनके समर्थक नागपुर हाईवे पर स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि सरकार ने किसानों और ग्रामीणों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
कडू ने मीडिया से कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है और वे जनता की समस्याओं को उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जनजीवन पर असर
हाईवे जाम के कारण नागपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात प्रभावित रहा। स्कूल बसें, एम्बुलेंस और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की।
राजनीतिक हलचल तेज
इस मामले ने राजनीतिक हलचल भी बढ़ा दी है। विपक्ष ने कहा कि सरकार ने संवाद का रास्ता छोड़ दिया है, जिससे हालात बिगड़ रहे हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आगे की सुनवाई 6 नवंबर को
अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की है। तब तक सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि प्रशासन मामले को शांतिपूर्वक हल करेगा और सड़क को आम जनता के उपयोग के लिए खुला रखेगा।