पश्चिम नागपुर में महापालिका में भ्रष्टाचार की चिंता
आज पश्चिम नागपुर के विधायक एवं नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, माननीय विकास ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से महापालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि नगर निगम में इमारतों की मंजूरी, फायर एनओसी, और टेंडर प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन चरम पर है। उनके अनुसार, कई मामलों में दलालों के माध्यम से रिश्वत की मांग की जा रही है और उनके पास कॉल रिकॉर्डिंग समेत ठोस सबूत भी मौजूद हैं।
विकास ठाकरे ने यह भी कहा कि महापालिका आयुक्त विधायकों के पत्रों का उत्तर नहीं देते, जिससे विधानसभा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। इसके अलावा, कचरा संकलन कंपनियों के अनुबंध भ्रष्टाचार और खराब सेवाओं के बावजूद निरस्त नहीं किए गए हैं, और अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएँ
विकास ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस में विशेष रूप से टेंडर प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन टेंडर बंद करने का परिपत्र जारी करने के बावजूद, स्वतंत्रता दिवस के लिए पांच ऑफलाइन टेंडर निकाले गए। यह प्रशासनिक लापरवाही और नियमों की अनदेखी का स्पष्ट प्रमाण है।
उन्होंने कहा, “यह केवल नियमों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि आम नागरिकों के हितों के साथ विश्वासघात है।” विकास ठाकरे ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार से प्रभावित विभागों की जवाबदेही तय करने की आवश्यकता है।
कचरा प्रबंधन और सार्वजनिक सेवाओं की विफलता
कचरा प्रबंधन में लगे अनुबंधित कंपनियों की कार्यशैली भी बहुत खराब है। बावजूद इसके उनके अनुबंधों को रद्द नहीं किया गया। काचिपुरा क्षेत्र में अवैध व्यवसायिक गतिविधियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
विकास ठाकरे ने बताया कि OCW की सेवाएँ भी पूरी तरह असंतोषजनक हैं। पानी की दरें कम नहीं की गईं और हॉकर्स ज़ोन भी विकसित नहीं किए गए। विशेषकर पश्चिम नागपुर के गरीब फुटपाथ विक्रेताओं को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि महापालिका आयुक्त बड़े व्यापारियों के दबाव में कार्य कर रहे हैं।
नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता
विकास ठाकरे ने जनता को आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी इस मामले को विधानसभा और अन्य कानूनी मंचों पर उठाएगी। उनका कहना है कि नागरिकों के अधिकार और पारदर्शिता सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि महापालिका के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार की जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि टेंडर प्रक्रिया में ऑनलाइन पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार रोकने के लिए कड़े नियम लागू करना अनिवार्य है।
निष्कर्ष
पश्चिम नागपुर के नागरिकों के हितों की रक्षा और महापालिका में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। विकास ठाकरे द्वारा उठाए गए मुद्दे यह स्पष्ट करते हैं कि वर्तमान प्रशासन में गंभीर सुधारों की आवश्यकता है।
इस प्रेस कांफ्रेंस ने स्पष्ट कर दिया कि जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता, और पारदर्शिता और जवाबदेही ही नागरिकों का अधिकार है।