राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भेजा पत्र, 7 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
दिवाली मिलन कार्यक्रम में हुई कथित प्रस्तुति को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राज्य प्रशासन को कड़ा पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने एक सामाजिक आयोजन में भाग लेते हुए ऐसे कार्य किए जो सरकारी आचार संहिता के विपरीत हैं। पार्टी ने इस घटना की जांच सात दिनों में पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
यह मामला पुणे जिले के एक दिवाली मिलन समारोह से जुड़ा है, जिसमें कथित तौर पर अधिकारियों ने मंच पर प्रस्तुति दी। सोशल मीडिया पर कार्यक्रम के वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए।
कार्यक्रम में क्या हुआ था
पिछले सप्ताह एक निजी संगठन द्वारा आयोजित दिवाली मिलन कार्यक्रम में कुछ सरकारी अधिकारी भी आमंत्रित थे। वहां एक सांस्कृतिक प्रस्तुति के दौरान, कुछ अधिकारियों ने मंच पर भाग लिया। कार्यक्रम के वीडियो वायरल होने के बाद यह चर्चा का विषय बन गया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का इस प्रकार किसी सार्वजनिक या राजनीतिक आयोजन में भाग लेना उचित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यक्रम का स्वरूप राजनीतिक झुकाव वाला था और इसमें शामिल अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया।
प्रशासन से मांगी गई स्पष्टीकरण रिपोर्ट
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय से जारी पत्र में प्रशासन को सात दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। पार्टी ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए और दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाए।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या कार्यक्रम के लिए कोई सरकारी अनुमति दी गई थी। यदि नहीं, तो आयोजनकर्ताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
सरकारी नियमों के अनुसार अधिकारियों की भूमिका
सेवा नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी अधिकारी को राजनीतिक आयोजनों या प्रचार से दूर रहना चाहिए। इस नियम का उल्लंघन अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बन सकता है।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एस.बी. देशमुख ने कहा, “यदि यह आयोजन किसी राजनीतिक दल से जुड़ा पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई अनिवार्य होगी।”
उन्होंने कहा कि अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी पद की गरिमा बनाए रखे। सामाजिक आयोजनों में उपस्थिति स्वीकार्य है, परंतु मंचीय प्रदर्शन या राजनीतिक भाषण नियमों के विरुद्ध हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, “हम यह देख रहे हैं कि कार्यक्रम का आयोजन किसने किया और उसमें अधिकारियों की भूमिका क्या रही।”
उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट तैयार होते ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोगों ने इसे “त्योहार का उत्सव” बताया, जबकि कई यूजर्स ने इसे “पद की मर्यादा का उल्लंघन” कहा।
ट्विटर और फेसबुक पर “#DiwaliEventRow” और “#NCPLetter” जैसे टैग ट्रेंड कर रहे हैं।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
भाजपा नेताओं ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की सहभागिता सांस्कृतिक रूप से थी, न कि राजनीतिक रूप से।
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस का कहना है कि राज्य में सरकारी तंत्र पर राजनीतिक प्रभाव बढ़ गया है और प्रशासनिक मर्यादाएं टूट रही हैं।
अगले कदम
प्रशासन अब सात दिन में रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी।
राज्य स्तर पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है और यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तेज होंगे।