जरूर पढ़ें

नागपुर के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अजमेर दरगाह के लिए मिली चादर, सलवार शरीफ से आया विशेष प्रतिनिधिमंडल

Nitin Gadkari Ajmer Dargah Chadar: नागपुर के केंद्रीय मंत्री को सलवाड़ शरीफ से मिली पवित्र चादर
Nitin Gadkari Ajmer Dargah Chadar: नागपुर के केंद्रीय मंत्री को सलवाड़ शरीफ से मिली पवित्र चादर
सलवार शरीफ से आए प्रतिनिधिमंडल ने नागपुर के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अजमेर दरगाह के लिए पवित्र चादर सौंपी। यह चादर ख्वाजा गरीब नवाज के बड़े साहबजादे ख्वाजा फकर चिस्ती की ओर से भेजी गई थी। भाजपा के पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मोहसिन जफर खान के नेतृत्व में हुआ यह कार्यक्रम साम्प्रदायिक सद्भाव और धार्मिक एकता का प्रतीक है।
Updated:

नागपुर। साम्प्रदायिक सद्भाव और धार्मिक एकता की एक खूबसूरत मिसाल देखने को मिली जब नागपुर के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास सलवार शरीफ से आए प्रतिनिधिमंडल ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए पवित्र चादर लेकर पहुंचे। यह चादर ख्वाजा गरीब नवाज बाबा के बड़े साहबजादे ख्वाजा फकर चिस्ती रहमतुल्लाह अलैह की ओर से भेजी गई थी। इस पवित्र चादर को भाजपा के पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा शहर अध्यक्ष मोहसिन जफर खान और शहीद भाई के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री को सौंपा गया।

यह घटना न केवल धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है बल्कि यह दर्शाती है कि राजनीति और धर्म के बीच एक स्वस्थ संबंध कैसे बनाया जा सकता है। नितिन गडकरी ने इस चादर को बेहद अकीदत और सम्मान के साथ स्वीकार किया और उन्होंने इसे अजमेर दरगाह में पेश करने की पेशकश भी की। इस दौरान दास्तार बंदी की परंपरा भी निभाई गई जो इस्लामी परंपरा में सम्मान का प्रतीक मानी जाती है।

सलवार शरीफ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

सलवार शरीफ एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो ख्वाजा गरीब नवाज के वंशजों से जुड़ा हुआ है। यह स्थान सदियों से आध्यात्मिकता और सूफी परंपरा का केंद्र रहा है। ख्वाजा फकर चिस्ती रहमतुल्लाह अलैह ख्वाजा गरीब नवाज के वंशज हैं और उनकी यह पहल सलवार शरीफ और अजमेर दरगाह के बीच के आध्यात्मिक संबंध को और मजबूत करती है।

हर साल लाखों श्रद्धालु अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर चादर चढ़ाने के लिए आते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और भारत की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।सलवार शरीफ से भेजी गई यह चादर इस परंपरा को आगे बढ़ाने का एक माध्यम है।

मोहसिन जफर खान का योगदान

मोहसिन जफर खान जो नागपुर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व शहर अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी पहल पर ही सलवार शरीफ से आया यह प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंचा। मोहसिन जफर खान ने बताया कि यह चादर सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता के हाथों यह चादर अजमेर दरगाह में पेश होना गर्व की बात है। यह घटना इस बात का सबूत है कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है और राजनीतिक नेता भी धार्मिक भावनाओं का आदर करते हैं।

नितिन गडकरी की भूमिका

नागपुर के लाडले और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पवित्र चादर को बेहद विनम्रता और सम्मान के साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत की खूबसूरती इसकी विविधता में है और सभी धर्मों का आदर करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। गडकरी ने यह भी कहा कि वह इस चादर को अजमेर शरीफ दरगाह में पेश करने को तैयार हैं और यह उनके लिए सम्मान की बात होगी।

इस दौरान उनकी दास्तार बंदी भी की गई जो इस्लामी परंपरा में किसी व्यक्ति को सम्मानित करने का एक तरीका है। गडकरी ने इसे विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में भाईचारे को बढ़ावा देते हैं।

साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश

यह पूरा आयोजन साम्प्रदायिक सद्भाव और धार्मिक एकता का एक सुंदर उदाहरण है। आज के समय में जब समाज में कई तरह के विभाजन देखने को मिलते हैं, ऐसे कार्यक्रम लोगों को एकजुट होने का संदेश देते हैं। इस आयोजन में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ आए और धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर मानवता का संदेश दिया।

भारतीय समाज की यह खासियत रही है कि यहां सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया जाता है। अजमेर शरीफ दरगाह भी ऐसा स्थान है जहां हर धर्म और जाति के लोग आते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। यह दरगाह भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है।

अजमेर दरगाह का महत्व

अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिस्ती जिन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से जाना जाता है, की मजार है। यह दरगाह भारत की सबसे पवित्र और प्रसिद्ध दरगाहों में से एक है। हर साल यहां उर्स का आयोजन होता है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

ख्वाजा गरीब नवाज को प्रेम, भाईचारे और मानवता का प्रतीक माना जाता है। उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को एकता का संदेश देती हैं। दरगाह में चादर चढ़ाने की परंपरा सदियों पुरानी है और इसे बेहद पवित्र माना जाता है।

राजनीति और धर्म का संतुलन

इस पूरी घटना ने यह भी दिखाया कि राजनीति और धर्म के बीच एक स्वस्थ संतुलन संभव है। नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ राजनेता ने धार्मिक मामलों में सम्मान दिखाकर यह संदेश दिया कि राजनीति सभी धर्मों का आदर करती है। यह कदम समाज में सकारात्मक संदेश भेजता है और लोगों में विश्वास पैदा करता है।

भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टी के नेता द्वारा इस्लामिक परंपरा का सम्मान करना यह दर्शाता है कि राजनीति धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिए और सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।

समापन

सलवार शरीफ से नागपुर आई यह चादर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इसे स्वीकार करना एक ऐतिहासिक घटना है। यह घटना भारतीय समाज की उस परंपरा को जीवित रखती है जहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। मोहसिन जफर खान और शहीद भाई के प्रयासों ने इस आयोजन को सफल बनाया और समाज में भाईचारे का संदेश दिया।

यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों को एकजुट होने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश देता है। अजमेर शरीफ दरगाह में यह चादर पेश होने के बाद लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और मजबूत होगी।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।