ऑपरेशन थंडर: नंदनवन में एनडीपीएस टीम की बड़ी सफलता
नागपुर शहर पुलिस की एनडीपीएस (NDPS) टीम ने मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अपने सघन अभियान ‘ऑपरेशन थंडर’ के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने नंदनवन क्षेत्र से दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार बताया जा रहा है। इस कार्रवाई में पुलिस ने ₹9 लाख की अवैध संपत्ति जब्त की है, जिसमें एमडी ड्रग पाउडर, वाहन, मोबाइल फोन और नकदी शामिल है।
गुप्त सूचना से शुरू हुआ ऑपरेशन थंडर
पुलिस को देर रात नंदनवन क्षेत्र के शिवांकर नगर झोपड़पट्टी और ताजुद्दीन पांडे इलाके में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही एडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) के निर्देश पर एनडीपीएस टीम ने रात 12 बजे से सुबह 2:30 बजे तक छापेमारी की योजना बनाई।
टीम ने गुप्त निगरानी रखते हुए इलाके में दबिश दी और मौके से दो संदिग्धों को पकड़ा। तलाशी के दौरान पुलिस को 57 ग्राम एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग पाउडर मिला। यह मात्रा बाजार में करीब ₹6.5 लाख की बताई जा रही है। इसके अलावा, ₹2,55,000 नकद, एक स्विफ्ट कार, एक मोपेड और कई मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पृष्ठभूमि
पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान इस प्रकार हुई है —
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राजू उर्फ रवीराज रघुवीर बघेल (28 वर्ष)
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शुभम शेखर बगड़े (26 वर्ष)
दोनों नंदनवन क्षेत्र के निवासी हैं और पहले से ही कई आपराधिक मामलों में शामिल रह चुके हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दोनों के खिलाफ चोरी, मारपीट और अवैध कारोबार से जुड़ी कई शिकायतें दर्ज हैं।
तीसरा आरोपी वसीम शेख (निवासी कामठी) फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और उम्मीद जताई है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नशे के कारोबार पर नागपुर पुलिस की सख्त कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि “ऑपरेशन थंडर” का मुख्य उद्देश्य नागपुर शहर में नशे की जड़ों को खत्म करना है। यह अभियान पिछले कुछ महीनों से लगातार चल रहा है और अब तक दर्जनों ड्रग तस्कर पकड़े जा चुके हैं।
एनडीपीएस टीम ने बताया कि नंदनवन, कामठी, और कोतवाली क्षेत्रों में एमडी, गांजा और हेरोइन की अवैध बिक्री को लेकर लगातार निगरानी रखी जा रही है। पुलिस का मानना है कि युवाओं में नशे की लत फैलाने वाले गिरोहों को खत्म करना इस अभियान का प्रमुख लक्ष्य है।
जप्त की गई संपत्ति का विवरण
इस कार्रवाई में पुलिस ने कुल मिलाकर करीब ₹9 लाख की संपत्ति जब्त की, जिसमें शामिल हैं —
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एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग पाउडर – ₹6.5 लाख मूल्य का
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नकद ₹2,55,000
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एक स्विफ्ट कार
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एक मोपेड
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चार मोबाइल फोन
सभी जब्त किए गए सामानों को जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को सौंपा गया है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट 1985 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है, ताकि उनसे सप्लाई चेन और नेटवर्क के बारे में जानकारी हासिल की जा सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, नागपुर में एमडी ड्रग की सप्लाई मुंबई और अहमदाबाद से हो रही थी। स्थानीय स्तर पर इसे छोटे-छोटे पैकेट्स में बेचने के लिए यह गैंग सक्रिय थी।
पुलिस का संदेश: “नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी”
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शहर में युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा। “ऑपरेशन थंडर” के जरिए अब तक कई तस्कर पकड़े जा चुके हैं और आगे भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।
नागपुर पुलिस ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या नशे के कारोबार की सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि समाज को सुरक्षित और नशामुक्त बनाया जा सके।
निष्कर्ष
“ऑपरेशन थंडर” नागपुर पुलिस का वह अभियान है जिसने शहर में मादक पदार्थों के अवैध नेटवर्क की कमर तोड़ दी है। नंदनवन की यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सतर्कता का उदाहरण है बल्कि यह भी दिखाती है कि नागपुर पुलिस शहर को नशामुक्त बनाने के लिए कितनी दृढ़ है।