नागपुर के कलाकार प्रसाद वी. इंगळे को “कला श्री” पुरस्कार से नवाज़ा गया
नागपुर के सुप्रसिद्ध कलाकार श्री प्रसाद वी. इंगळे ने एक बार फिर अपने अद्वितीय कौशल और सृजनशीलता से विदर्भ का नाम राष्ट्रीय कला जगत में रोशन किया है। मुंबई स्थित बंगिया कला केंद्र द्वारा आयोजित “पुणे आर्ट फिएस्टा 2025” में उन्हें “कला श्री” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके नवोन्मेषी कला-शिल्प और निरंतर कलात्मक योगदान की स्वीकृति के रूप में प्रदान किया गया।
पुणे आर्ट फिएस्टा 2025 का भव्य आयोजन
“पुणे आर्ट फिएस्टा 2025” का आयोजन पुणे के प्रतिष्ठित बालगंधर्व कला दालन में किया गया, जिसमें देशभर से कई विख्यात कलाकारों की मनमोहक कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारतीय कला के विविध आयामों को एक मंच पर लाना था, जहाँ परंपरागत और आधुनिक कला शैलियाँ एक साथ दृष्टिगोचर हुईं।
इस प्रदर्शनी में प्रसाद इंगळे की कलाकृतियों ने न केवल निर्णायक मंडल को प्रभावित किया बल्कि दर्शकों के मन में भी गहरी छाप छोड़ी। उनकी “वायर आर्ट” कृतियों में लोह-पट्टिकाओं और तारों से निर्मित आकृतियों में भावनात्मक संवेदनाएँ, आधुनिकता और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
सृजनशीलता का अद्वितीय उदाहरण: ‘वायर आर्ट’
प्रसाद इंगळे की कला का प्रमुख आकर्षण उनकी “वायर आर्ट” शैली है। इस शैली में वे धातु की तारों का उपयोग करके जीवंत आकृतियाँ गढ़ते हैं। यह तकनीक न केवल शिल्प की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है बल्कि इसमें कलात्मक कल्पनाशक्ति और धैर्य का भी गहरा संबंध होता है।
उनकी रचनाएँ मानव भावनाओं, प्रकृति के तत्वों और समाज के बदलते स्वरूप को अत्यंत बारीकी से दर्शाती हैं। दर्शक उनकी कला में आधुनिक युग की जटिलताओं और सौंदर्य का अनूठा संतुलन देख सकते हैं।
विदर्भ के लिए गौरव का क्षण
यह पुरस्कार न केवल प्रसाद इंगळे के लिए व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे विदर्भ क्षेत्र के लिए गर्व का विषय भी है। नागपुर जैसे शहर से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुँचना इस बात का प्रमाण है कि सृजनशीलता सीमाओं से परे होती है।
उनकी यह सफलता युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। विदर्भ के कलाकारों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती उपस्थिति कला जगत में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
कला जगत की प्रतिक्रियाएँ
कला समीक्षक एवं वरिष्ठ चित्रकारों ने प्रसाद इंगळे की रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। बंगिया कला केंद्र के निदेशक श्री सुभ्रांशु देबनाथ ने कहा,
“प्रसाद इंगळे का कार्य भारतीय आधुनिक कला में नई दिशा प्रदान करता है। उनकी ‘वायर आर्ट’ शैली सृजनशीलता और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
नागपुर कला परिषद ने भी इस उपलब्धि पर प्रसाद इंगळे को बधाई देते हुए कहा कि उनका यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
कलाकार की प्रतिक्रिया
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में श्री इंगळे ने कहा,
“यह सम्मान मेरे लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि मेरे गुरुजनों, परिवार और नागपुर की कला भूमि के आशीर्वाद का परिणाम है। मैं चाहता हूँ कि मेरे कार्य से युवा कलाकार प्रेरित हों और अपनी रचनात्मकता को नई दिशा दें।”
आगामी योजनाएँ और उद्देश्य
प्रसाद इंगळे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने की दिशा में कार्यरत हैं। वे नागपुर में एक “वायर आर्ट गैलरी” स्थापित करने की योजना भी बना रहे हैं, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिल सके। उनका मानना है कि भारतीय कला में अनंत संभावनाएँ हैं, बस उन्हें प्रोत्साहन और पहचान की आवश्यकता है।
समापन विचार
“कला श्री” पुरस्कार प्राप्त करना प्रसाद इंगळे के दीर्घकालिक परिश्रम और समर्पण का प्रतीक है। उनकी रचनात्मकता ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची कला किसी सीमा की मोहताज नहीं होती। नागपुर और विदर्भ की यह उपलब्धि भारतीय कला के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।