Ajit Pawar Flood Relief: नांदेड बाढ़ पीड़ितों से Video Call पर बोले उपमुख्यमंत्री – “सरकार आपके साथ मज़बूती से खड़ी है”
महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई ज़िलों को प्रभावित किया है और नांदेड ज़िला इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। भारी वर्षा के कारण मणार बांध परिसर और आसपास के गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है। इस बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री Ajit Pawar Flood Relief मिशन के अंतर्गत सीधे बाढ़ पीड़ितों से जुड़े और Video Call के माध्यम से उनका हालचाल लिया।
शनिवार, 27 सितंबर को पुणे से जारी इस संवाद में अजित पवार ने स्पष्ट शब्दों में कहा – “बाढ़ग्रस्तों का जीवन फिर से बसाने के लिए हम सबकुछ दांव पर लगाएंगे। इस संकट की घड़ी में सरकार आपके साथ मज़बूती से खड़ी है।”
Video Call के जरिए संवेदनशील पहल
नांदेड ज़िले की कंधार तहसील के बहाद्दरपुरा, शेकापुर और घोडज गांव के नागरिक हाल ही में आई बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए। खेत, घर, पशुधन और रोज़गार सबकुछ पानी में बह गया। ऐसे समय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधायक प्रतापराव पाटील चिखलीकर के माध्यम से इन गांवों के नागरिकों से Video Call पर सीधा संवाद साधा।
इस दौरान पवार ने विस्तार से जानकारी ली कि किन क्षेत्रों में नागरिक फंसे हुए हैं, क्या हेलिकॉप्टर की ज़रूरत है, क्या सेना की मदद ली जानी चाहिए और एनडीआरएफ की टुकड़ी तुरंत भेजी जानी चाहिए या नहीं। इस सक्रिय पहल ने बाढ़ पीड़ितों में भरोसा जगाया।
Relief Measures और Government Assurance
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को ज़रूरी निर्देश दे दिए गए हैं। राहत सामग्री, अस्थायी आश्रय, भोजन और चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नुकसान का सर्वेक्षण कर उचित मुआवज़ा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा – “सरकार सिर्फ कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर आपके साथ है। इस संकट में हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे।”
Flood Relief का बड़ा संदेश
Ajit Pawar Flood Relief का यह संदेश केवल नांदेड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को हिम्मत देने वाला साबित हुआ। यह संवाद पवार की संवेदनशील और त्वरित प्रतिक्रिया को दर्शाता है। राजनीतिक गलियारों में भी इस पहल की सराहना की जा रही है कि उपमुख्यमंत्री ने बिना किसी औपचारिकता के सीधे प्रभावित जनता से संपर्क साधा।
वेब स्टोरी:
राजनीति से परे मानवीय पहल
यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि अजित पवार उस समय बारामती स्थित माळेगाव सहकारी शक्कर कारखाने की वार्षिक सभा में मौजूद थे। इसी दौरान विधायक प्रतापराव पाटील चिखलीकर ने उन्हें फोन किया और प्रभावितों से जोड़ दिया। राजनीतिक व्यस्तता के बीच भी उपमुख्यमंत्री ने प्राथमिकता देते हुए राहत कार्यों का संज्ञान लिया।
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
Video Call के बाद स्थानीय नागरिकों ने राहत की सांस ली। उनका कहना है कि सरकार सीधे जुड़ रही है और तत्काल निर्णय ले रही है, यह उनके लिए सबसे बड़ी उम्मीद की किरण है।
Conclusion
नांदेड की बाढ़ सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच तालमेल का भी परीक्षण है। अजित पवार का यह संवाद और आश्वासन एक बड़े Flood Relief Operation की नींव साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में राहत और पुनर्वास की गति तय करेगी कि इस वादे को किस हद तक अमल में लाया जाता है।