जरूर पढ़ें

यवतमाल जिला बैंक भर्ती में धांदली का आरोप, विधायक मांगुलकर ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

Yavatmal Bank Recruitment Scam: विधायक मांगुलकर ने विधानसभा में उठाया धांदली का मामला
Yavatmal Bank Recruitment Scam: विधायक मांगुलकर ने विधानसभा में उठाया धांदली का मामला (File Photo)
यवतमाल के विधायक अनिल मांगुलकर ने विधानसभा में जिला बैंक की भर्ती में धांदली का गंभीर आरोप लगाया। विधायक ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं और पारदर्शिता की कमी की बात कही। स्थानीय युवा इस मामले से नाराज हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। विधायक ने पूरी भर्ती की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
Updated:

यवतमाल जिला बैंक में भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद का मामला अब विधानसभा तक पहुंच गया है। यवतमाल के विधायक अनिल मांगुलकर ने आज विधानसभा में जिला बैंक की भर्ती में हुई कथित धांदली का मुद्दा उठाया। विधायक ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और कई अनियमितताएं हुई हैं। इस मामले ने स्थानीय युवाओं में काफी रोष पैदा कर दिया है जो रोजगार की तलाश में इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे।

विधायक ने क्या कहा

विधायक अनिल मांगुलकर ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि यवतमाल जिला बैंक में हाल ही में हुई भर्ती प्रक्रिया में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि कई योग्य उम्मीदवारों को भर्ती में शामिल नहीं किया गया, जबकि कुछ ऐसे लोगों को नौकरी मिल गई जो सभी मापदंडों पर खरे नहीं उतरते। विधायक ने कहा कि यह मामला सिर्फ नियुक्ति का नहीं है, बल्कि यह युवाओं के साथ धोखा है।

मांगुलकर ने सदन में मांग की कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की जाए और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो पूरी भर्ती रद्द करके नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।

भर्ती में क्या हुई अनियमितता

विधायक के आरोपों के अनुसार, जिला बैंक की भर्ती में कई तरह की अनियमितताएं हुई हैं। सबसे पहली समस्या यह है कि भर्ती की सूचना सभी लोगों तक ठीक से नहीं पहुंचाई गई। कई योग्य उम्मीदवार जो स्थानीय क्षेत्र से थे, उन्हें समय पर जानकारी नहीं मिली जिससे वे आवेदन नहीं कर पाए।

दूसरी बड़ी शिकायत यह है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी। कुछ उम्मीदवारों का कहना है कि उनके अंक सही तरीके से नहीं दिए गए और मेरिट सूची बनाते समय मनमानी की गई। कुछ लोगों का आरोप है कि सिफारिश और पैसे के दम पर कुछ लोगों को नौकरी मिल गई।

तीसरा आरोप यह है कि भर्ती के नियमों में बदलाव किए गए जो पहले तय नहीं थे। अचानक कुछ नए नियम जोड़े गए जिससे कई योग्य उम्मीदवार बाहर हो गए और कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचा।

स्थानीय युवाओं में रोष

इस पूरे मामले से यवतमाल के युवा काफी नाराज हैं। कई युवा जो लंबे समय से बेरोजगार हैं, उन्होंने इस भर्ती के लिए कड़ी मेहनत की थी। कुछ ने तो कोचिंग भी ली और तैयारी में पैसे खर्च किए। लेकिन जब उन्हें लगा कि भर्ती में धांदली हुई है तो उनका मनोबल टूट गया।

स्थानीय युवाओं ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया और जिला बैंक के अधिकारियों से मांग की कि पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाए। लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कुछ युवाओं ने सूचना का अधिकार के तहत भी जानकारी मांगी लेकिन उसमें भी टालमटोल की गई।

जिला बैंक का पक्ष

जिला बैंक के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सभी नियमों का पालन करते हुए भर्ती की गई है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई और किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जो भी उम्मीदवार चुने गए हैं, वे सभी योग्यता के आधार पर चुने गए हैं।

बैंक अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह लिखित में दे सकता है और उसकी जांच की जाएगी। लेकिन युवाओं का कहना है कि जब वे शिकायत देने गए तो उन्हें ठीक से सुना नहीं गया।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विधानसभा में विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ यवतमाल का मामला नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं में भर्ती में अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने मांग की कि सभी हालिया भर्तियों की जांच की जाए।

विपक्ष ने कहा कि युवाओं के साथ यह अन्याय है और सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में सही कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

सरकार का रुख

सरकार की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सहकार विभाग से इस मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। संभावना है कि सरकार जल्द ही इस मामले में कोई फैसला लेगी।

कुछ सरकारी सूत्रों का कहना है कि अगर शिकायतें सही पाई गईं तो जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। लेकिन फिलहाल सरकार पूरे मामले की सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है।

रोजगार और भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता

यह मामला एक बार फिर से रोजगार में पारदर्शिता के सवाल को सामने लाता है। आज के समय में जब युवाओं में बेरोजगारी बड़ी समस्या है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता युवाओं के मनोबल को तोड़ देती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सभी सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं में भर्ती के लिए एक समान और पारदर्शी नीति होनी चाहिए। ऑनलाइन आवेदन, कंप्यूटर आधारित परीक्षा और ऑनलाइन परिणाम की व्यवस्था से धांदली की संभावना कम की जा सकती है।

आगे क्या होगा

अब देखना यह है कि विधानसभा में उठाए गए इस मुद्दे पर सरकार क्या कार्रवाई करती है। विधायक मांगुलकर ने साफ कहा है कि वे इस मामले को यूं ही नहीं छोड़ेंगे और तब तक लड़ते रहेंगे जब तक युवाओं को न्याय नहीं मिल जाता।

स्थानीय युवा भी अब सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की स्वतंत्र जांच हो और अगर धांदली साबित होती है तो दोषियों को सजा मिले। साथ ही, नई भर्ती पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की जाए।

यह मामला न सिर्फ यवतमाल के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता कितनी जरूरी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।