फलटन डॉक्टर के समर्थन में यवतमाल के चिकित्सक हड़ताल पर
राज्यभर में मेडिकल सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित
यवतमाल जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आज ओपीडी सेवाएं बंद कर दीं। यह कदम फलटन की महिला चिकित्सक को न्याय दिलाने की मांग में राज्यव्यापी हड़ताल का हिस्सा है। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) और स्थानीय चिकित्सक संघ ने संयुक्त रूप से इस आंदोलन में भाग लिया।
हड़ताल का कारण
फलटन की महिला डॉक्टर के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर डॉक्टरों में रोष है। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान की अनदेखी अब असहनीय हो चुकी है।
राज्यभर के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
आपातकालीन सेवाएं जारी
यवतमाल मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी ताकि गंभीर मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। हालांकि, सामान्य ओपीडी, जांच और नियमित परामर्श सेवाएं आज पूरे दिन बंद रहीं।
मरीजों को परेशानी
ओपीडी बंद होने से बड़ी संख्या में मरीजों को लौटना पड़ा। जिला अस्पताल के गेट पर सुबह से ही मरीजों की भीड़ देखी गई। कई लोग दूर-दराज के गांवों से इलाज के लिए आए थे, लेकिन उन्हें निराश होकर वापस जाना पड़ा।
राज्यव्यापी प्रभाव
हड़ताल का असर पुणे, नागपुर, नासिक, सोलापुर और औरंगाबाद जैसे प्रमुख जिलों में भी देखा गया। महाराष्ट्र के 18 से अधिक मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।
MARD ने बताया कि यह सिर्फ शुरुआत है। यदि डॉक्टरों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर सम्मान सुनिश्चित नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हो सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बयान जारी कर कहा कि “सरकार डॉक्टरों के साथ है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
लेकिन चिकित्सक संगठन इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि हर बार जांच के नाम पर मामले को टाला जाता है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं होता।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल
पिछले एक वर्ष में महाराष्ट्र में डॉक्टरों के साथ हिंसा के 30 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जाती और कई बार पुलिस प्रशासन भी समय पर कार्रवाई नहीं करता।
MARD की मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा कानून को और सख्ती से लागू किया जाए, और सभी सरकारी अस्पतालों में स्थायी सुरक्षा बल तैनात किया जाए।
आंदोलन का अगला कदम
डॉक्टरों ने कहा है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 48 घंटे की पूर्ण चिकित्सा बंदी करेंगे।
इस बीच, राज्यभर के मरीजों और परिजनों से अपील की जा रही है कि वे हड़ताल के कारण होने वाली असुविधा को समझें और आवश्यक होने पर ही अस्पताल जाएं।
समाज का समर्थन
कई सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों ने भी महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग का समर्थन किया है। सोशल मीडिया पर #JusticeForFaltonDoctor ट्रेंड कर रहा है।