भारतीय रेल की नई पहल : यात्रियों की सुविधा को मिला नया आयाम
भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब वातानुकूलित (एसी) कोचों में सफर करने वाले सभी यात्रियों को कवर सहित कंबल प्रदान किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि यह नई व्यवस्था फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जयपुर से चलने वाली एक ट्रेन में आरंभ की गई है।
यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे पूरे देश के एसी कोचों में लागू किया जाएगा। अब तक यह सुविधा केवल एसी प्रथम श्रेणी के यात्रियों को ही उपलब्ध थी।
स्वच्छता और आराम पर विशेष ध्यान
रेलवे का यह निर्णय यात्रियों के आराम और स्वच्छता दोनों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अक्सर यात्रियों की शिकायत रहती थी कि उन्हें यात्रा के दौरान दिए जाने वाले कंबल पूरी तरह स्वच्छ नहीं होते। विशेषकर, एसी टू और थर्ड क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को यह सुविधा नहीं मिलती थी कि वे अपने कंबल पर कोई कवर लगा सकें।
रेल मंत्री के अनुसार, अब सभी एसी वर्गों के यात्रियों को एक ऐसा बेडरोल पैकेट मिलेगा, जिसमें कंबल, दो चादरें, तौलिया, तकिया और तकिये का कवर शामिल रहेगा। इससे यात्रियों के मन में कंबल की स्वच्छता को लेकर जो संदेह रहता था, वह अब दूर हो जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट का परीक्षण जयपुर से
यह प्रायोगिक परियोजना जयपुर से संचालित एक विशेष ट्रेन में लागू की गई है। वहां यात्रियों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर रेलवे इस योजना को देशव्यापी स्तर पर विस्तार देगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक रिपोर्टें सकारात्मक रही हैं और यात्रियों ने इस बदलाव की सराहना की है।
एक यात्री ने बताया कि कवर सहित कंबल मिलने से उन्हें अधिक स्वच्छ और सुरक्षित महसूस हुआ। साथ ही, इससे बेडरोल पैकेट की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
गोरखपुर में तैयार होती हैं प्रतिदिन हजारों बेडशीट
यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि भारतीय रेलवे की बेडरोल व्यवस्था का एक बड़ा केंद्र गोरखपुर में स्थित है। यहां की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में प्रतिदिन लगभग 25,000 बेडरोल पैकेट और 50,000 बेडशीट तैयार की जाती हैं। इनका वितरण उत्तर भारत की लगभग 33 ट्रेनों में किया जाता है।
अब रेलवे ने गोरखपुर में ही नई वाशिंग पिट के समीप एक आधुनिक लॉन्ड्री स्थापित करने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है, ताकि स्वच्छता और गुणवत्ता के मानक और ऊँचे किए जा सकें।
यात्रियों की प्रतिक्रिया और मंत्रालय की पहल
रेल मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से यात्रियों की शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आएगी। कई यात्री अब तक बिना कवर वाले कंबल का उपयोग करने से बचते थे या केवल चादर ओढ़कर सफर करते थे। नई व्यवस्था से वे अधिक आत्मविश्वास और संतोष के साथ यात्रा कर सकेंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में कुछ प्रमुख ट्रेनों में इसकी शुरुआत होगी और इसके परिणामों के आधार पर पूरे देश में इसे विस्तारित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत की दिशा में रेल की पहल
यह निर्णय न केवल यात्रियों की सुविधा से जुड़ा है बल्कि “स्वच्छ भारत मिशन” की भावना को भी सशक्त करता है। रेलवे लगातार ऐसे कदम उठा रहा है जो सार्वजनिक स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और यात्री अनुभव को बेहतर बनाते हैं।
बेहतर लॉन्ड्री प्रबंधन, डिस्पोज़ेबल या धोने योग्य कवरों का उपयोग और स्वचालित सफाई प्रक्रियाएं इस दिशा में किए जा रहे प्रमुख नवाचार हैं।