राजनीति और त्योहार अक्सर अलग-अलग दृष्टिकोण से देखे जाते हैं, पर सच्ची भावना और सद्भाव दोनों का संगम ही उत्सव को वास्तविक अर्थ प्रदान करता है। इसी संदर्भ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस दीपावली पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उनका संदेश है कि “सौहार्द बचा रहेगा तो त्योहार बचा रहेगा।”
सद्भाव और त्योहार का संबंध
अखिलेश यादव ने लोगों से अपील की कि त्योहारों का आनंद केवल दिखावे या बाहरी आकर्षण के लिए नहीं, बल्कि सच्चे मन और अच्छे भाव से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संकीर्ण राजनीति और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नकारात्मकता दिखाते हैं। ऐसे लोग भले ही बाहर से त्योहार मनाते दिखें, पर उनके मन में सच्ची खुशी का अभाव होता है।
त्योहार केवल दीपक, मिठाई और पटाखों का जश्न नहीं होते। यह परस्परता, भाईचारा और सह-अस्तित्व का प्रतीक हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि दीपावली के हर तत्व में साझा प्रयास और सामूहिक खुशी का संदेश छिपा है—माटी, दीया, तेल, बताशा, खील, मिठाई, फुलझड़ी और पटाखे सभी का योगदान उत्सव को संपूर्ण बनाता है।
नकारात्मकता से बचने की प्रेरणा
सपा प्रमुख ने विशेष रूप से नकारात्मक सोच वाले लोगों को सकारात्मक रहने का संदेश दिया। उनका कहना है कि अक्सर लोग दूसरों के भोलेपन या अच्छे भावों का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं। यह न केवल व्यक्तिगत संबंधों में खटास उत्पन्न करता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित करता है।
इसलिए उन्होंने आग्रह किया कि हम अपने विचारों और व्यवहार में सच्चाई और अच्छाई बनाए रखें। अकेले में बैठकर आत्ममंथन करें कि क्या हमारे भीतर पहले कभी ऐसी कड़वाहट थी या यह किसी बाहरी कारक का प्रभाव है। इस जागरूकता से न केवल हम स्वयं खुश रह सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी खुश रहने का अवसर दे सकते हैं।
सकारात्मक सोच और खुशियों का संदेश
अखिलेश यादव ने अपने संदेश में यह भी बताया कि त्योहार मनाने का अर्थ केवल भौतिक वस्तुओं और सजावट तक सीमित नहीं है। यह हमारे मन की शुद्धता और दूसरों के प्रति करुणा, सम्मान और प्रेम को दर्शाने का अवसर है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने घर और समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं, ताकि त्योहार का वास्तविक अर्थ हर किसी तक पहुंचे।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने जीवन में छोटे-छोटे कार्यों और सहयोगों के माध्यम से दूसरों की खुशियों में भागीदार बनना चाहिए। चाहे वह किसी का दीया जलाना हो, मिठाई बांटना हो, या फुलझड़ी और पटाखों का आनंद साझा करना हो—हर क्रिया समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश देती है।
अखिलेश यादव का दीपावली संदेश न केवल राजनीतिक परिप्रेक्ष्य से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वास्तविक त्योहार केवल बाहरी चमक और दिखावे से नहीं, बल्कि मन की अच्छाई और सकारात्मकता से संपन्न होते हैं। इस वर्ष 2025 की दीपावली पर उनकी अपील है कि हम सभी मिलकर सौहार्द बनाए रखें, स्वयं और दूसरों की खुशियों का ध्यान रखें और त्योहार का वास्तविक अर्थ महसूस करें।
उनके अनुसार, जब मन में सौहार्द और सकारात्मक सोच होगी, तभी त्योहार का आनंद पूरी तरह से उठाया जा सकेगा। यह संदेश हमें याद दिलाता है कि खुशियों और प्रेम की नींव पर ही सच्चे अर्थ में त्योहार टिक सकते हैं।