आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा भाजपा विधायक के परिवार में शोक
उत्तर प्रदेश के आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार तड़के हुए एक भीषण सड़क हादसे ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासन दोनों को झकझोरकर रख दिया। बाराबंकी के हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक दिनेश कुमार रावत के छोटे भाई मिथिलेश रावत की इस दुर्घटना में मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना सुबह लगभग साढ़े पांच बजे सैफई के पास हुई, जहां उनकी कार को तेज रफ्तार डीसीएम ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयावह था कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और मिथिलेश रावत को बचाने की कोई संभावना जीवित नहीं बची।
यह दुखद खबर मिलते ही विधायक दिनेश रावत सहित परिवार के अन्य सदस्य घटना स्थल के लिए तुरंत रवाना हुए। पूरा परिवार गहरे सदमे में है। बताया जा रहा है कि मिथिलेश रावत देवस्थान दर्शन करके वापस लौट रहे थे और तभी यह दर्दनाक हादसा हुआ।
सुबह की शांत सड़क बनी हादसे की गवाह
आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे अपने सुगम यातायात और तेज सफर के लिए जाना जाता है, लेकिन यही तेज ट्रैफिक कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाता है। शुक्रवार सुबह जब एक्सप्रेसवे पर सामान्य रूप से वाहनों की संख्या कम थी, तभी अचानक तेज रफ्तार डीसीएम ने विधायक के भाई की कार को पीछे से जोरदार झटका दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए, शीशे चकनाचूर हो गए और वाहन मौके पर ही एक ढेर में तब्दील हो गया।
स्थानीय सूत्रों और पुलिस के शुरुआती बयान के अनुसार, डीसीएम चालक की रफ्तार और लापरवाही इस हादसे की प्रमुख वजह बताई जा रही है। हालांकि जांच प्रक्रिया जारी है और पुलिस दुर्घटना का विस्तृत विवरण जुटा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय थे मिथिलेश रावत
मिथिलेश रावत सिर्फ किसी विधायक का परिवारजन नहीं थे, बल्कि सामाजिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहते थे। परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से होने के कारण वे भी सार्वजनिक कार्यक्रमों और संगठनों में हमेशा सक्रिय रूप से योगदान देते थे।
उनकी मृत्यु ने न केवल विधायक परिवार को तोड़ा, बल्कि स्थानीय स्तर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को भी गहरा सदमा दिया है। कहा जा रहा है कि उनकी विनम्रता, मिलनसार व्यक्तित्व और सामाजिक मुद्दों में रुचि के कारण उनका सम्मान पूरे क्षेत्र में था।
एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसों पर उठ रहे सवाल
आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसा देश का महत्वपूर्ण और बड़ी लागत से बना मार्ग आज दुर्घटनाओं का केंद्र बन रहा है। पिछले कुछ महीनों में इस हाईवे पर लगातार दर्दनाक हादसों की संख्या बढ़ी है। तेज रफ्तार, भारी वाहनों की अनियंत्रित गति और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इन दुर्घटनाओं की मुख्य वजह मानी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर बने स्पीड कंट्रोल ज़ोन, चेतावनी बोर्ड और पुलिस गश्त की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि हाईवे की सुविधाएं जितनी आधुनिक होती जा रही हैं, दुर्घटनाओं का खतरा भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है।
विधायक और परिवार को बड़े धैर्य की आवश्यकता, प्रदेश भर से मिल रहा शोक संदेश
हैदरगढ़ की जनता, राजनीतिक कार्यकर्ता, पार्टी नेता और प्रशासनिक अधिकारी लगातार विधायक परिवार से संपर्क कर शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुनील सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
विधायक की पत्नी आरती रावत, जो सिद्धौर ब्लॉक की प्रमुख हैं, भी इस घटना से टूट चुकी हैं। प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
जांच जारी, डीसीएम चालक की तलाश तेज
घटना के बाद डीसीएम चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस उस वाहन की पहचान कर रही है और चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। एक्सप्रेसवे प्रबंधन ने दुर्घटना के संबंध में स्टेशन प्रभारी को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि दुर्घटना के तुरंत बाद सहायता पहुंच जाती तो शायद स्थिति कुछ अलग हो सकती थी। हालांकि वाहन की क्षतिग्रस्त स्थिति देखकर यह संभावना नगण्य दिखाई देती है।
परिवार और प्रदेश के लिए एक दुखद सुबह
यह दुर्घटना सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक पीड़ादायक घटना है। राजनीतिक विरासत वाला यह परिवार आज शोक में डूबा है। क्षेत्र में गम का माहौल है और लोगों की संवेदनाएं दिवंगत आत्मा के प्रति प्रकट हो रही हैं।
हादसे ने फिर एक बार यह सवाल उठा दिया है कि क्या हाईवे पर सुरक्षा उपाय पर्याप्त हैं और क्या तेज रफ्तार की यह होड़ इंसानी जान से ज्यादा कीमती हो गई है।