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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ओबीसी सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में 10 लाख से अधिक छात्रों को 300 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप सीधे उनके बैंक खातों में वितरित की है, जिसमें 4.83 लाख से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 126.69 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। यह पहल शिक्षा और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के साथ ही ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ओबीसी छात्रों के लिए वित्तीय सहायता का विस्तृत विवरण
2016-17 में केवल 46 लाख छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप का लाभ मिलता था। योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर वर्तमान में 62 लाख तक पहुँचाया है। इस बार अनुसूचित जाति-जनजाति के 3,56,000 छात्रों को 114.92 करोड़, सामान्य वर्ग के 97,000 से अधिक छात्रों को 29.18 करोड़ और अल्पसंख्यक वर्ग के 90,758 छात्रों को 27.16 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से पारदर्शी और त्वरित वितरण सुनिश्चित किया है। इससे न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता मिल रही है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया भी सरल और भरोसेमंद बनी है।
ग्रामीण और वंचित ओबीसी युवाओं की शिक्षा तक पहुंच
पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने ओबीसी सशक्तीकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। वर्ष 2024-25 में कुल 32,22,499 ओबीसी छात्रों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति दी गई, जबकि 2017 से अब तक 2,07,53,457 छात्रों को 13,535.33 करोड़ रुपये का लाभ मिला। यह राशि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा खर्च किए गए 4,197 करोड़ रुपये की तुलना में चार गुना अधिक है।
विशेष रूप से, यह आंकड़ा उन ओबीसी छात्रों की बड़ी संख्या को दर्शाता है जो ग्रामीण इलाकों और दुर्गम क्षेत्रों से आते हैं। योगी सरकार की यह रणनीति न केवल शिक्षा में समानता स्थापित कर रही है, बल्कि ग्रामीण युवाओं को आधुनिक तकनीकी, चिकित्सा और अन्य उच्च शिक्षा क्षेत्रों में अवसर प्रदान कर रही है।
ओबीसी सशक्तीकरण और ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का संबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार कहते रहे हैं कि शिक्षा सामाजिक समानता की नींव है। ओबीसी समुदाय का सशक्तीकरण ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का मूलमंत्र है। सरकार ने 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति देने का संकल्प लिया है।
इस दीर्घकालिक योजना से वंचित और पिछड़े वर्ग के युवाओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ेगी, जिससे समाज में उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
सरकारी प्रयासों का प्रभाव और भविष्य की दिशा
पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए खजाना खोल दिया है। उनका कहना है कि शिक्षा से सशक्त बनाकर ही सामाजिक समानता सुनिश्चित की जा सकती है।
सरकारी आंकड़े और योजनाएं स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि यह नीति न केवल वर्तमान छात्रों को लाभ दे रही है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा और सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय के लिए शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण का नया मॉडल प्रस्तुत कर रही है। इससे प्रदेश में सामाजिक समानता और समग्र विकास को बल मिलेगा।