इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल मस्जिद याचिका खारिज की | Sambhal Masjid Demolition
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल में तालाब और सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। मस्जिद पक्ष को अदालत से कोई राहत नहीं मिली, लेकिन ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ वैकल्पिक अपील दाखिल करने की अनुमति दी गई है।
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सुनवाई और याचिका का विवरण
- मस्जिद कमेटी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश किए, जिनमें मस्जिद के कुछ हिस्से और तालाब की सरकारी जमीन शामिल थी।
- याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के खिलाफ ध्वस्तीकरण रोकने की मांग की गई थी।
- जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई की।
अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि ध्वस्तीकरण आदेश अदालत की हस्तक्षेप से प्राप्त हुआ, क्योंकि बुलडोजर कार्रवाई बिना आदेश के शुरू हो चुकी थी।
सरकार और मस्जिद पक्ष के तर्क
- राज्य सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने रखा।
- मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने मस्जिद की वैधता और ध्वस्तीकरण प्रक्रिया को चुनौती दी।
- मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्सों को स्वयं तोड़ने का दावा किया।
वेब स्टोरी:
ध्वस्तीकरण का समय और सुरक्षा कारण | Sambhal Masjid Demolition
- ध्वस्तीकरण के लिए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और दशहरे का दिन चुना गया।
- कोर्ट ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से भीड़ और संभावित हिंसा की आशंका को ध्यान में रखते हुए अपील दाखिल करने की अनुमति दी।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों के बाद मस्जिद पक्ष की याचिका खारिज कर दी, जिससे संभल मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई जारी रह सकती है। मस्जिद पक्ष अब वैकल्पिक कानूनी उपाय के तहत अपील कर सकता है।