🔔 नोटिस : इंटर्नशिप का सुनहरा अवसर. पत्रकार बनना चाहते हैं, तो राष्ट्रभारत से जुड़ें. — अपना रिज़्यूमे हमें digital@rashtrabharat.com पर भेजें।

सशक्त बहना उत्सव में पूर्व विधायक खर्कवाल सहित कांग्रेसियों की पुलिस हिरासत, लोकतंत्र पर उठे सवाल

Police Custody of Former MLA Kharkwal
Police Custody of Former MLA Kharkwal – टनकपुर में सशक्त बहना उत्सव के दौरान कांग्रेसियों को हिरासत (File Photo)
अक्टूबर 16, 2025

सशक्त बहना उत्सव में लोकतंत्र का संघर्ष

टनकपुर, उत्तराखंड: सशक्त बहना उत्सव के दौरान प्रदेश में राजनीतिक तनाव उभरकर सामने आया जब पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल सहित कई कांग्रेस नेता सीएम पुष्कर धामी के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए पहुंचे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और दो घंटे से अधिक समय तक कोतवाली में रखा। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या और सत्ता की हनक करार दिया।

पूर्व विधायक खर्कवाल का विरोध

पूर्व विधायक खर्कवाल ने कहा कि प्रदेश में अपराध, महिला उत्पीड़न, पेपर लीक, और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा बुधवार को चंपावत में हुए सीएम कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों के साथ अभद्रता का विरोध भी उन्होंने किया। इसी विरोध को लेकर वे सीएम धामी से मिलने के प्रयास में थे।

गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम

पीलीभीत चुंगी पर पुलिस ने किया गिरफ्तार

टीम ने पूर्व विधायक खर्कवाल और अन्य कांग्रेस नेताओं को पीलीभीत चुंगी के पास रोक लिया और हिरासत में लिया। उन्हें बस में बैठाकर कोतवाली ले जाया गया।

कौन-कौन हुए गिरफ्तार

पूर्व विधायक खर्कवाल के अलावा गिरफ्तार कांग्रेस नेताओं में यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष विनोद बडेला, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष नीरज मिश्रा, पूर्व सभासद अमित भट्ट, संजय अग्रवाल, आसिफ, राहुल राज, मयूर बिष्ट, शाहवेज़ अंसारी, अमन रावत, खीम सिंह रावत, सतीश पांडेय, अमित जोशी, साहिल गिरी, हरीश शर्मा, विकास शर्मा, राज गंगवार, आदिल, योगेश गुप्ता, शहरोज शामिल थे।

कितनी देर रही हिरासत में

गिरफ्तारी पूर्वाह्न 11:30 बजे हुई और सीएम के काशीपुर के लिए उड़ान भरने के बाद दोपहर 1:30 बजे सभी को रिहा कर दिया गया।

कांग्रेस का आरोप और प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को सत्ता की दमनकारी नीति बताया। उनके अनुसार, लोकतंत्र में विरोध की स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास किया गया। खर्कवाल ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल सकारात्मक विरोध करना और प्रदेश के नागरिकों के हित में सार्वजनिक मुद्दों को उजागर करना था।

राजनीतिक विशेषज्ञों की टिप्पणी

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना प्रदेश में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है। सीएम धामी के कार्यक्रमों के दौरान विरोध प्रदर्शनों के बढ़ते क्रम से यह संकेत मिलता है कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है।

नागरिकों की नजर

टनकपुर के नागरिकों का कहना है कि राजनीतिक नेताओं के बीच यह टकराव आम जनता को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की स्वतंत्रता होना चाहिए, लेकिन इसे शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए।

सशक्त बहना उत्सव के दौरान हुई यह घटना राजनीतिक चेतावनी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठाती है। पूर्व विधायक खर्कवाल और उनके साथियों की हिरासत ने यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में राजनीतिक गतिविधियों का स्तर उच्च तनावपूर्ण बन चुका है।


Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Breaking