पश्चिम बंगाल में विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने SIR लागू होने पर बंगाल में “दंगे और हिंसा” भड़काने की धमकी दी है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “ममता बनर्जी ने कहा कि अगर SIR लागू हुआ तो बंगाल में भयानक दंगे और अन्य गंभीर परिणाम होंगे। यह स्पष्ट रूप से संविधानिक प्रक्रिया को बाधित करने और हिंसा भड़काने की धमकी है।” उन्होंने ममता पर संविधान और न्यायिक प्रणाली से ऊपर होने का दावा करने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि क्या वह अवैध प्रवासियों के वोट हासिल करने के लिए कानून को अपने हाथ में लेने की सोच सकती हैं।
संबित पात्रा ने आगे कहा, “ममता बनर्जी ने पहले से ही बंगाल में दंगे शुरू कर दिए हैं, जिसमें भाजपा नेताओं पर हाल ही में हमले भी शामिल हैं। हमने इसे लोकतांत्रिक तरीके से रोकना है। TMC हार जाएगी और अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीतेगी।”
बीजेपी के अन्य प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी ममता के बयान को “खतरनाक” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बयान SIR प्रक्रिया के खिलाफ हिंसा को उकसाने वाला संकेत देता है और राज्य की नैतिकता और संविधानिक मूल्यों पर प्रश्न उठाता है। त्रिवेदी ने यह भी कहा कि ममता का रुख यह दर्शाता है कि राजनीतिक लोग गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपने मूल सिद्धांतों से पलट सकते हैं, जो देश के लिए बेहद खतरनाक है।
इस बीच, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR के दौरान किसी भी वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया नहीं जाएगा। यह आश्वासन आयोग के CEO मनोज कुमार अग्रवाल ने पूर्वी मिदनापुर जिले के कोलगट्टा में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच और गर्माता जाएगा। मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया को लेकर ममता बनर्जी और भाजपा के बीच तीखी बहस राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ा सकती है।