कोलकाता के एकबलपुर इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है जिसमें एक 48 वर्षीय महिला ने तेजाब पीकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना 16 दिसंबर 2025 को सुबह के समय हुई जब पीड़िता नसीमा बेगम ने अपने घर पर तेजाब पी लिया था।
घटना का विवरण
16 दिसंबर 2025 की सुबह लगभग 9 बजकर 30 मिनट पर नसीमा बेगम ने अपने घर 37/2F, एकबलपुर लेन, कोलकाता-23 में तेजाब पी लिया। उनके परिवार वालों ने तुरंत उन्हें एकबलपुर नर्सिंग होम में भर्ती कराया लेकिन सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर उनकी मौत हो गई। नसीमा बेगम के पति का नाम जहांगीर आलम है और वे 48 वर्ष की थीं।
जैसे ही पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत एकबलपुर थाने में यूडी केस संख्या 51 दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। शव को एसएसकेएम अस्पताल भेजा गया जहां पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था की गई।
बहन की शिकायत पर मामला दर्ज
पीड़िता की बहन साहिना बेगम, जो 46 वर्ष की हैं और 32/1B, एकबलपुर लेन में रहती हैं, ने पुलिस के पास एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। इस शिकायत के आधार पर एकबलपुर थाना केस संख्या 412 दिनांक 16.12.2025 को भारतीय न्याय संहिता की धारा 108/3(5) के तहत दर्ज किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
पुलिस ने इस मामले में निम्नलिखित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है:
जावेद एकबाल (57 वर्ष), जो स्वर्गीय रमजान के बेटे हैं और 15/C, मोमिनपुर रोड, एकबलपुर, कोलकाता-23 में रहते हैं।
मोहम्मद वसीम (28 वर्ष), जो अकबर अली के बेटे हैं और 39D, एकबलपुर लेन, एकबलपुर, कोलकाता-23 में रहते हैं।
यासमीन बेगम (57 वर्ष), जो स्वर्गीय शेख अलमास की पत्नी हैं और 17, मोमिनपुर रोड, एकबलपुर, कोलकाता-23 में रहती हैं।
सलमा खातून (45 वर्ष), जो जावेद एकबाल की पत्नी हैं और 15/C, मोमिनपुर रोड, एकबलपुर, कोलकाता-23 में रहती हैं।
फरजाना हुसैन (38 वर्ष), जो मोहम्मद वसीम की पत्नी हैं और 39D, एकबलपुर लेन, एकबलपुर, कोलकाता-23 में रहती हैं।
आरोप की गंभीरता
पुलिस के अनुसार, 16 दिसंबर 2025 को सुबह लगभग 9 बजकर 15 मिनट पर या उससे पहले, उपरोक्त सभी आरोपियों ने मिलकर नसीमा बेगम पर मानसिक दबाव बनाया। आरोप है कि इन लोगों ने उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सभी आरोपी अपनी साझी मंशा से पीड़िता को मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए उसी दिन यानी 16 दिसंबर 2025 को दोपहर 4 बजकर 15 मिनट पर सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई पीड़िता की बहन द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर की गई।
सबूतों की बरामदगी
जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता के घर से कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। इनमें वह तेजाब का डिब्बा शामिल है जिसे पीड़िता ने पिया था। इसके अलावा पीड़िता का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। पुलिस ने इन सभी वस्तुओं को जब्ती सूची के तहत अपने कब्जे में ले लिया है। यह सबूत आगे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
जांच की दिशा
पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है जो मौत के सटीक कारण की पुष्टि करेगी। साथ ही पुलिस पीड़िता के मोबाइल फोन की जांच कर रही है जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या उसमें कोई ऐसे संदेश या सबूत हैं जो आरोपियों द्वारा की गई मानसिक प्रताड़ना को साबित कर सकें।
पड़ोसियों और परिवार से पूछताछ
जांच दल पड़ोसियों और परिवार के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ कर रहा है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि पीड़िता और आरोपियों के बीच क्या विवाद था और किस बात को लेकर इतना तनाव था कि एक महिला को आत्महत्या करने का फैसला लेना पड़ा।
कानूनी पहलू
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और 3(5) लगाई गई है। धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है। इस धारा के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी को आत्महत्या के लिए उकसाता है तो उसे सजा हो सकती है। यह एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसमें लंबी सजा का प्रावधान है।
न्यायिक प्रक्रिया
गिरफ्तार किए गए सभी पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां उनकी न्यायिक हिरासत या पुलिस रिमांड की मांग की जा सकती है। पुलिस को अभी और जांच करनी है और अधिक सबूत इकट्ठे करने हैं। कोर्ट में सभी सबूत पेश किए जाएंगे और फिर न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा।
सामाजिक पहलू
यह घटना एक बार फिर से समाज में महिलाओं के साथ होने वाली मानसिक प्रताड़ना की ओर ध्यान खींचती है। कई बार महिलाएं घरेलू या सामाजिक दबाव के कारण गंभीर कदम उठा लेती हैं। इस तरह की घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय हैं।
जागरूकता की जरूरत
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। महिलाओं को यह बताना जरूरी है कि वे किसी भी तरह की प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं। पुलिस और कानूनी मदद हमेशा उपलब्ध है। साथ ही परिवार और समाज को भी अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है।
इस मामले की जांच जारी है और पुलिस हर पहलू को देख रही है। आने वाले दिनों में इस केस के और भी तथ्य सामने आ सकते हैं। यह घटना एक दुखद याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है।