कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में शुक्रवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर आए इस भूकंप ने लगभग 17 सेकंड तक धरती को हिलाकर रख दिया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई, जो एक मध्यम से तेज श्रेणी का भूकंप माना जाता है।
भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में स्थित
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में था। भूकंप धरती की सतह से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था। चूंकि भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में था, इसलिए इसके झटके सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में भी महसूस किए गए।
कोलकाता और अन्य जिलों में दहशत
भूकंप के झटकों के दौरान कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न जिलों में लोग घबराहट में अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। 17 सेकंड तक धरती के हिलने से इमारतें डोलने लगीं और लोगों में भय का माहौल बन गया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे अचानक फर्नीचर हिलने लगे और दीवारों में कंपन महसूस हुआ।
प्रभावित क्षेत्र
भूकंप के झटके मुख्य रूप से कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और नदिया जिलों में महसूस किए गए। इन सभी जिलों में लोगों ने लगभग एक साथ भूकंप के झटकों का अनुभव किया। कई कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
अभी तक कोई हानि की खबर नहीं
राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि की खबर सामने नहीं आई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया है और सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
आपदा प्रबंधन तंत्र सतर्क
भूकंप के बाद राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी गई हैं और किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए टीमें तैयार रखी गई हैं। राज्य सरकार ने स्थिति पर लगातार नजर रखने और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
पाकिस्तान में भी आए थे भूकंप के झटके
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की तड़के सुबह पाकिस्तान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। पाकिस्तान के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, वहां रिक्टर पैमाने पर 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप का केंद्र 135 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। इससे पता चलता है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ी हुई हैं।
भूकंप प्रवण क्षेत्र
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश का यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हिमालयी क्षेत्र से सटे होने के कारण यहां समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि के कारण इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बना रहता है।
सुरक्षा उपायों की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर भूकंप से निपटने के लिए तैयारियों की आवश्यकता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में जागरूक होना चाहिए। इमारतों को भूकंप प्रतिरोधी बनाने और आपातकालीन योजनाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।
जनता को सलाह
अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि भूकंप के दौरान घबराएं नहीं और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। भारी फर्नीचर या खिड़कियों के पास खड़े होने से बचें। यदि इमारत के अंदर हैं तो मजबूत टेबल या डेस्क के नीचे शरण लें। बाहर खुले मैदान में जाना सबसे सुरक्षित विकल्प है।
यह घटना एक अनुस्मारक है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहना और पूर्व तैयारी करना कितना महत्वपूर्ण है। सौभाग्य से इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना आवश्यक है।