मालदा जिले के मानिकचक थाना क्षेत्र के मथुरापुर भूतनी ब्रिज इलाके में सोमवार दोपहर एक भीषण आग लगने की घटना ने दो परिवारों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इस दुर्घटना में दो दुकानें और घर पूरी तरह से जलकर राख हो गए। दोनों परिवार अब कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं और सरकारी मदद की उम्मीद में दिन गिन रहे हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के मुताबिक, पिंकी मंडल और सीमा साहा दो बहनें हैं जो भूतनी ब्रिज इलाके में चाय की दुकान चलाकर अपने परिवारों का पालन-पोषण करती थीं। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे अचानक उनके सोने के कमरे में आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि देखते ही देखते पूरा घर धू-धू करके जलने लगा। आग की भीषणता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुकान सहित घर में रखा सामान, टीवी, फ्रिज, जरूरी कागजात और नकद रुपये सब कुछ जलकर राख हो गया।
स्थानीय लोगों का सहयोग
जैसे ही आग लगने की खबर फैली, आसपास के इलाके के लोग मदद के लिए दौड़े चले आए। स्थानीय निवासियों ने तुरंत आग बुझाने का काम शुरू किया। बिना किसी फायर ब्रिगेड की मदद के ग्रामीणों ने बाल्टी और पानी के पाइप से करीब दो से तीन घंटे की लगातार कोशिश के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आग से लड़ाई लड़ी और दोनों परिवारों को बचाने की पूरी कोशिश की।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मानिकचक थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रारंभिक जांच शुरू की। पुलिस अधिकारियों ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच की शुरुआत की है। हालांकि, शुरुआती जांच में यह माना जा रहा है कि आग किसी बिजली के शॉर्ट सर्किट या खाना पकाने के दौरान लापरवाही से लगी होगी।
पीड़ित परिवारों की स्थिति
आग की इस घटना ने दोनों बहनों और उनके परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। घर, दुकान और घर का सारा सामान जल जाने से वे पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं। सर्दी का मौसम होने के कारण उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। कड़ाके की ठंड में दोनों परिवार खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी भयावह है।
पिंकी मंडल ने बताया कि उनके पास अब ना तो रहने के लिए छत है और ना ही खाने के लिए कुछ। चाय की दुकान से जो थोड़ी-बहुत कमाई होती थी, उसी से घर चलता था। अब वह भी खत्म हो गई है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से तुरंत मदद की गुहार लगाई है।
सरकारी मदद की मांग
दोनों पीड़ित परिवार अब सरकार की ओर से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि उन्हें तुरंत राहत राशि और अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाए। साथ ही, अपना घर और दुकान दोबारा बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाए। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आने की बात कही है।
इलाके में फैली दहशत
इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। लोग अपने घरों में बिजली के तारों और खाना बनाते समय अधिक सावधानी बरत रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए फायर सेफ्टी के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
आग से बचाव के उपाय
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि घरों में बिजली के तारों की नियमित जांच कराई जाए। पुराने और खराब तारों को तुरंत बदला जाए। खाना बनाते समय गैस या चूल्हे को बिना निगरानी के ना छोड़ा जाए। घर में आग बुझाने के लिए पानी की बाल्टी या छोटा अग्निशामक यंत्र रखना चाहिए। बच्चों को माचिस और लाइटर से दूर रखें।
सामाजिक संवेदनशीलता की जरूरत
इस घटना ने यह भी साबित किया कि मुसीबत के समय में समाज का साथ कितना जरूरी होता है। स्थानीय लोगों ने जिस तरह से आग बुझाने में मदद की, वह सराहनीय है। अब जरूरत है कि प्रशासन और समाज दोनों मिलकर इन पीड़ित परिवारों के पुनर्वास में मदद करें ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
मालदा के मानिकचक इलाके में हुई यह आग की घटना एक चेतावनी है कि हमें अपने घरों में सुरक्षा के प्रति कितना सचेत रहना चाहिए। दो परिवारों की इस त्रासदी को देखते हुए जरूरी है कि सरकार तुरंत राहत प्रदान करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए। समय की मांग है कि पीड़ितों को तत्काल मदद मिले और उन्हें फिर से सम्मान के साथ जीने का मौका मिले।