पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से महिलाओं ने अपने सम्मान और सुरक्षा की मांग को लेकर एक अनूठी यात्रा शुरू की है। ‘जागो नारी जागो बह्निशिखा’ संगठन की ओर से आयोजित यह प्रतिज्ञा यात्रा महिलाओं के अधिकारों और उनकी गरिमा की रक्षा के लिए एक मजबूत आवाज बन गई है। 9 दिसंबर से शुरू हुई यह यात्रा 16 दिसंबर को कोलकाता में अपने समापन पर पहुंचने वाली है।
पुरुलिया से आई एक यात्री ने कहा कि हमें सुरक्षा चाहिए, हमें सम्मान के साथ सिर उठाकर जीने का अधिकार चाहिए। सिर्फ चावल और मदिरा नहीं चाहिए। चावल और शराब देकर हमारी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई है। केवल चावल और साग-सब्जी खाकर कोई कैसे जिंदा रह सकता है। कोई काम नहीं है, कोई रोजगार नहीं है।
यात्रा का उद्देश्य और व्यापकता
यह यात्रा कोचबिहार, झाड़ग्राम, पुरुलिया, काकद्वीप सहित पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से शुरू हुई। राज्य के दक्षिणी और उत्तरी दोनों हिस्सों से महिलाएं इस यात्रा में शामिल हो रही हैं। यह यात्रा सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार, अन्याय, अपमान और उत्पीड़न के खिलाफ एक सामूहिक आवाज है।
‘जागो नारी जागो बह्निशिखा’ संगठन इस यात्रा के माध्यम से राज्य के सभी स्तरों पर प्रशासकों की सकारात्मक भूमिका की मांग कर रहा है। संगठन चाहता है कि महिलाओं के साथ हुए अपराधों की सही और त्वरित जांच हो, तथा दोषियों को सख्त सजा मिले।
अभया मामले का न्याय भी मांग
इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य अभया मामले सहित महिलाओं के खिलाफ हुए सभी अत्याचारों के लिए न्याय की मांग करना भी है। यात्रियों का कहना है कि महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को लेकर प्रशासन की उदासीनता चिंताजनक है। उन्हें सही और जल्द न्याय चाहिए, ताकि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक संदेश जाए।
हावड़ा मैदान में जुटीं महिलाएं
सोमवार को दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों से महिलाएं जुलूस निकालते हुए हावड़ा मैदान पहुंचीं। वहां स्वागत समिति की ओर से यात्रियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर एक विरोध सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने अपनी पीड़ा और मांगों को कलात्मक तरीके से प्रस्तुत किया।
यात्रियों की आवाज
पुरुलिया जिले की शोभा माहातो ने कहा कि हमें केवल राशन या अन्य सुविधाएं नहीं चाहिए। हमें सम्मान चाहिए, हमें रोजगार चाहिए, हमें सुरक्षित माहौल चाहिए। सरकार चावल और दूसरी चीजें देकर हमें खामोश नहीं रख सकती। हमारी बुनियादी मांग सुरक्षा और सम्मान है।
बांकुड़ा जिले की लिपिका मंडल ने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। हमें अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है। बिना काम और सुरक्षा के हम कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करें? हमें न्याय चाहिए, हमें इज्जत के साथ जीने का हक चाहिए।
महिला सुरक्षा की चुनौतियां
पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हाल के वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यही कारण है कि महिलाएं सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रही हैं।
संगठन की मांगें स्पष्ट हैं – महिलाओं के खिलाफ हर तरह के अपराध की जल्द और निष्पक्ष जांच हो, पुलिस और प्रशासन महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से ले, तथा दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
सामाजिक और आर्थिक मुद्दे
यात्रा में शामिल महिलाओं ने सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि आर्थिक मुद्दों पर भी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि रोजगार के अवसर नहीं हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। केवल राशन या सरकारी योजनाओं से काम नहीं चलेगा, उन्हें स्थायी रोजगार और सम्मानजनक जीवन चाहिए।
कई यात्रियों ने कहा कि शराब के बढ़ते कारोबार ने परिवारों को बर्बाद कर दिया है। पुरुष शराब में पैसे बर्बाद कर रहे हैं और महिलाओं को घर चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस समस्या पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
कल होगा समापन
16 दिसंबर को कोलकाता में एक विशाल सभा के साथ इस यात्रा का समापन होगा। संगठन की उम्मीद है कि इस सभा में हजारों महिलाएं शामिल होंगी और अपनी एकजुट आवाज से सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाएंगी।
सभा में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और न्याय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। संगठन प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपेगा, जिसमें अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से रखा जाएगा।
समाज में जागरूकता की जरूरत
इस यात्रा ने यह साबित किया है कि महिलाएं अब चुप नहीं बैठेंगी। वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने को तैयार हैं। लेकिन केवल यात्राओं और विरोध प्रदर्शनों से काम नहीं चलेगा। समाज के हर वर्ग को महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए जागरूक होना होगा।
पुरुषों को भी अपनी सोच बदलनी होगी और महिलाओं को समान अधिकार देने होंगे। प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।
‘जागो नारी जागो बह्निशिखा’ संगठन द्वारा आयोजित यह प्रतिज्ञा यात्रा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा न केवल महिलाओं के अधिकारों की आवाज है, बल्कि एक न्यायपूर्ण समाज की मांग भी है। 16 दिसंबर को कोलकाता में होने वाली सभा से उम्मीद है कि प्रशासन इन मां��ों पर गंभीरता से विचार करेगा और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए ठोस कदम उठाएगा।