13 अक्टूबर 2025, इस्लामाबाद / लाहौर:
पाकिस्तान में Tehreek-e-Labbaik Pakistan (TLP) समर्थकों ने गाजा युद्ध के बाद अमेरिका के समर्थन में रोकथाम और फिलिस्तीनी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। लाहौर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत और कई घायल हुए।
घटनाक्रम
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टीएलपी समर्थक लाहौर से इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे।
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पंजाब पुलिस के प्रमुख उस्मान अनवर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर गोली चलाई, जिसमें एक अधिकारी की मृत्यु हुई और कई घायल हुए।
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टीएलपी ने दावा किया कि उनके कई समर्थक भी घायल या मारे गए, जिनमें प्रमुख साद रिज़वी भी शामिल हैं, जिन्हें कई गोलियां लगी हैं और उनकी स्थिति गंभीर बताई गई।
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो में रिज़वी को दिखाया गया, जहां वह सुरक्षा बलों से फायरिंग रोकने का अनुरोध कर रहे थे।
वेब स्टोरी:
हिंसा का दायरा
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प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा सड़कों पर रखे गए कंटेनरों को हटाने की कोशिश की, जिससे झड़प शुरू हुई।
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लाहौर में हिंसा के बाद समर्थक मुरिडके में शिविर बनाने के लिए रुके।
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सोशल मीडिया पर कई वाहन जलते हुए दिखाए गए, जिसमें टीएलपी कार्यकर्ताओं के ट्रक भी शामिल थे।
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पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
प्रतिक्रियाएँ और पृष्ठभूमि
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पाकिस्तान के उप गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि टीएलपी को गाजा में शांति के बाद हिंसा क्यों अपनानी पड़ी, यह समझना मुश्किल है।
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टीएलपी ने पाकिस्तान में 2018 के चुनावों में प्रमुखता हासिल की थी, मुख्य रूप से ब्लास्फेमी कानून की रक्षा को लेकर।
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पार्टी ने पिछले वर्षों में लाहौर और अन्य शहरों में प्रो-पैलेस्टाइन रैलियाँ आयोजित की हैं।
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यह विरोध प्रदर्शन गाजा युद्ध के समाप्त होने के तुरंत बाद हुआ, जिससे पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय मामलों और आंतरिक राजनीति के बीच तनाव बढ़ा।
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हिंसा और गिरफ्तारी ने देश में सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाए हैं और सरकार और जनता दोनों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी गई।